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सर्दियों में चना साग का मजा: जानें इसे बनाने की पारंपरिक विधि

सर्दियों में चना साग एक खास व्यंजन है जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इस लेख में, हम आपको चना साग बनाने की पारंपरिक विधि बताएंगे, जिसमें बथुआ और देसी मसालों का उपयोग किया जाता है। जानें इसके पोषण संबंधी लाभ और इसे बनाने के लिए आवश्यक सामग्री। गरमा-गरम चना साग का आनंद लें और सर्दियों के मौसम का भरपूर मजा लें।
 

चना साग की खासियत


चना साग रेसिपी: जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, हरी पत्तेदार सब्जियों की भरपूर उपलब्धता शुरू हो जाती है। इनमें से एक प्रमुख सब्जी है चना का साग, जो स्वाद और स्वास्थ्य का बेहतरीन मिश्रण है। हालांकि, कई लोग इसकी कड़वाहट की शिकायत करते हैं। लेकिन यदि इसे पूर्वांचल की पारंपरिक घोटमा विधि से तैयार किया जाए, तो इसका स्वाद बेहद लाजवाब और क्रीमी हो जाता है।


पूर्वांचल के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी ताजा चना का साग खेतों से तोड़कर मिट्टी की मटकी में पकाया जाता है। इसमें सरसों का तेल, लहसुन और देसी तड़के की खुशबू इसे और भी स्वादिष्ट बना देती है। यह साग न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भी भरपूर है।


चना साग के स्वास्थ्य लाभ

चना के साग के फायदे


चना के साग में आयरन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। इसकी गर्म तासीर सर्दियों में शरीर को अंदर से ऊर्जा प्रदान करती है। जब इसे बथुआ, मटर और देसी मसालों के साथ पकाया जाता है, तो इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू और भी बढ़ जाती है।


मलाईदार घोटमा साग के लिए आवश्यक सामग्री

सामग्री



  • आधा किलो चना का साग

  • 250 ग्राम बथुआ

  • 10–12 लहसुन की कलियां

  • 3–4 हरी मिर्च

  • 1 गिलास पानी

  • ¼ कप बेसन या मक्की का आटा + ½ कप पानी

  • 1 कप हरे मटर


तड़के के लिए सामग्री

तड़के के लिए



  • 4 चम्मच सरसों का तेल

  • 12–15 लहसुन की कलियां

  • 2 हरी मिर्च

  • 2 सूखी लाल मिर्च

  • 2 चुटकी हींग


चना के साग की पूर्वांचल स्टाइल रेसिपी

विधि


सबसे पहले चना के साग और बथुआ को अच्छे से धोकर काट लें। यदि आप मिट्टी की मटकी का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे नमक डालकर अच्छी तरह धो लें।


अब मटकी में चना का साग, बथुआ, नमक, लहसुन और हरी मिर्च डालें। आधा गिलास पानी डालकर धीमी आंच पर पकने दें। जब साग अच्छी तरह गल जाए, तो लकड़ी की रई से इसे अच्छी तरह घोट लें, ताकि टेक्सचर स्मूद हो जाए।


इसके बाद इसमें हरे मटर डालें और बेसन या मक्की के आटे को पानी में घोलकर साग में मिला दें। इससे साग में गाढ़ापन आएगा और स्वाद और भी बढ़ जाएगा। मटर गलने तक साग को पकाएं।


स्वाद में चार चांद लगाने के लिए तड़का

देसी तड़का


सरसों का तेल धुआं उठने तक गर्म करें। इसमें लहसुन डालकर सुनहरा होने तक भूनें। फिर सूखी लाल मिर्च और अंत में हींग डालें। तुरंत यह तड़का साग में डालकर ढक दें, ताकि खुशबू पूरी तरह साग में समा जाए। गरमा-गरम चना का घोटमा साग चावल, बाजरे या मक्के की रोटी के साथ परोसें और सर्दियों के देसी स्वाद का आनंद लें।