सर्दियों में फेफड़ों की सुरक्षा के लिए 5 आवश्यक मसाले
सर्दियों में प्रदूषित हवा से बचाव के उपाय
सर्दियों में खराब वायु गुणवत्ता के कारण सांस लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है, जिससे कई लोगों को खांसी, गले में जलन, सिरदर्द और सीने में भारीपन का अनुभव होता है। ऐसे में लोग आमतौर पर मास्क और एयर प्यूरिफायर का सहारा लेते हैं। लेकिन, केवल इन उपायों से काम नहीं चलेगा। अपने फेफड़ों को मजबूत करने के लिए सही खानपान भी आवश्यक है। आपकी रसोई में मौजूद कुछ मसाले इस मामले में सहायक हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये मसाले कैसे फायदेमंद हो सकते हैं।
हल्दी
हल्दी भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण मसाला है, जो न केवल अपने रंग और स्वाद के लिए जानी जाती है, बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी अद्वितीय हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो प्रदूषित हवा से होने वाली जलन को कम करने में मदद करते हैं। हल्दी कंजेशन को भी कम करती है, जिससे आपको राहत मिलती है।
अदरक
सर्दियों में अदरक की चाय न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। अदरक की गर्म तासीर गले में खराश और सीने में भारीपन से राहत दिलाने में मदद करती है। इसके पोषक तत्व एयरवेज की सूजन को कम करने और बलगम को साफ करने में सहायक होते हैं।
तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। ये सांस लेने में कठिनाई को दूर करने में मदद करते हैं और स्मॉग के मौसम में विशेष रूप से लाभकारी होते हैं। इनमें एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफिकेशन गुण होते हैं, जो गले की खराश और सीने के दर्द से राहत दिलाते हैं।
काली मिर्च
काली मिर्च बंद नाक को खोलने में मदद करती है, जो अक्सर स्मॉग के कारण होती है। यह बलगम को बाहर निकालने में सहायक होती है, जिससे वायु प्रवाह में सुधार होता है। इसके अलावा, यह रक्त संचार को बेहतर बनाती है, जिससे प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने के बाद सीने में जकड़न से राहत मिलती है।