सर्दियों में विटामिन डी की कमी को पूरा करने के प्राकृतिक उपाय
विटामिन डी की आवश्यकता और प्राकृतिक स्रोत
एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए संतुलित आहार के साथ-साथ सूर्य की रोशनी भी आवश्यक है। सर्दियों में, शरीर में विटामिन डी की कमी अधिक होती है, जिससे थकान, हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों की कमजोरी और मानसिक उदासी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति में, डॉक्टर अक्सर सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं, लेकिन प्राकृतिक स्रोतों से विटामिन डी प्राप्त करना अधिक फायदेमंद होता है।
शरीर को केवल भोजन की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि धूप भी चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, विटामिन डी की कमी को अग्नि और रस धातु की कमी से जोड़ा गया है। आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्य के बिना शरीर की अग्नि, ओज, रक्तधारा और धातु-पोषण अधूरा रहता है।
जब तक शरीर को धूप नहीं मिलती, तब तक ये सभी लाभ नहीं मिल पाते। सर्दियों में भी सूर्य की ऊर्जा से विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। सुबह की धूप में उष्णता, प्रकाश और प्राण की शक्ति होती है, जो शरीर को वह ताकत देती है जो सप्लीमेंट भी नहीं दे पाते।
धूप लेने के सही तरीके
सुबह 7 से 8 बजे की धूप सबसे लाभकारी होती है। इस समय सूती कपड़े पहनकर धूप में बैठना चाहिए, जिसे आयुर्वेद में सूर्य स्नान कहा जाता है।
दूसरा, सूर्य की रोशनी में अभ्यंग विधि का पालन करें। यह एक तेल मालिश की विधि है, जो शरीर में विटामिन डी के अवशोषण को बढ़ाती है। इसके लिए पैरों, हाथों और गर्दन पर तेल की मालिश करें। सर्दियों में जैतून का तेल, बादाम का तेल और तिल का तेल उपयोगी होते हैं।
तीसरा कदम है पौष्टिक आहार का सेवन। विटामिन डी का अवशोषण वसा युक्त भोजन के साथ बेहतर होता है। इसके लिए तिल, मूंगफली, अलसी, गाय का दूध, मक्खन, मशरूम, सोंठ, काली मिर्च और आंवले का सेवन लाभकारी है। ये तीनों उपाय शरीर को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखते हैं, जिससे हड्डियों, मांसपेशियों और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती मिलती है।