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सर्दियों में हरी मटर: किन्हें करना चाहिए परहेज?

सर्दियों में हरी मटर का सेवन कई लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ व्यक्तियों को इससे बचना चाहिए। जानें किन स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को मटर से परहेज करना चाहिए और इसके सेवन के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। इस लेख में हम मटर के स्वास्थ्य लाभ और हानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
 

सर्दियों में हरी मटर का महत्व


जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, बाजार हरी मटर से भर जाते हैं। मटर पुलाव, मटर-पनीर और आलू-मटर जैसे व्यंजन हर जगह दिखाई देते हैं। मटर का स्वाद और पोषण अद्वितीय है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। कुछ व्यक्तियों के लिए अधिक हरी मटर का सेवन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। चिकित्सक और पोषण विशेषज्ञ अक्सर सलाह देते हैं कि कुछ लोगों को मटर से दूरी बनाना बेहतर होता है।


किसे मटर से बचना चाहिए?

1. गैस और ब्लोटिंग के मरीज


हरी मटर में रैफिनोज नामक कार्बोहाइड्रेट होता है, जिसे पचाने के लिए विशेष एंजाइम की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में यह एंजाइम कम होता है, जिससे गैस, पेट फूलना, ऐंठन और दर्द हो सकता है। IBS या बार-बार ब्लोटिंग से पीड़ित व्यक्तियों को मटर से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।


2. किडनी स्टोन और उच्च यूरिक एसिड (गाउट) के मरीज


मटर में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण करती है। जिन लोगों को पहले से किडनी स्टोन या गाउट की समस्या है, उनके लिए मटर का सेवन सूजन और दर्द को बढ़ा सकता है। चिकित्सक सलाह देते हैं कि ऐसे मरीज हफ्ते में 50 ग्राम से अधिक मटर का सेवन न करें।


3. डायबिटीज के मरीज


हरी मटर में स्टार्च की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ा सकती है। टाइप-2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों को मटर का सेवन बहुत कम मात्रा में और केवल साबुत दाने के रूप में करना चाहिए, प्यूरी या ग्रेवी में नहीं।


4. कमजोर पाचन तंत्र वाले लोग


जिनका पाचन तंत्र कमजोर है या जो बार-बार दस्त की समस्या से ग्रस्त हैं, उन्हें कच्ची या हल्की पकी मटर का सेवन नहीं करना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर और एंटी-न्यूट्रिएंट्स पेट को और परेशान कर सकते हैं।


5. मटर या फलियों से एलर्जी वाले


कुछ व्यक्तियों को फलियों (जैसे दालें और मटर) से एलर्जी होती है। यदि मटर खाने के कुछ मिनट बाद मुंह में खुजली, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई या चेहरे पर सूजन महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। यह स्थिति एनाफिलेक्सिस तक जा सकती है।


6. थायरॉइड के मरीज (विशेषकर हाइपोथायरॉइडिज़्म)


मटर में गोइट्रोजेंस होते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि के कार्य में बाधा डाल सकते हैं। नियमित रूप से बड़ी मात्रा में मटर का सेवन दवा के प्रभाव को कम कर सकता है।


क्या करें-क्या न करें?

स्वस्थ व्यक्तियों के लिए हफ्ते में 2-3 बार 100 ग्राम मटर का सेवन सुरक्षित है।


हमेशा मटर को अच्छी तरह पकाकर खाएं, कच्ची या हल्की पकी मटर का सेवन न करें।


मटर के साथ जीरा, सौंफ, और हींग का उपयोग करें, इससे गैस की समस्या कम होगी।