सायंकाल में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए क्या न करें
सायंकाल में मां लक्ष्मी का आगमन
मां लक्ष्मी का आगमन सायंकाल में होता है
हिंदू धर्म में सुबह और शाम का समय विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इन समयों में पूजा-पाठ का महत्व है। माना जाता है कि सायंकाल के समय मां लक्ष्मी का आगमन होता है, जो दिन और रात के बीच का समय होता है।
जब सूर्य अस्त होता है और रात का आगमन होता है, तब इसे सायंकाल कहा जाता है। इस समय कुछ कार्य करने से आपकी समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
जो लोग शाम के समय सोते हैं या भोजन करते हैं, वे मां लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह सकते हैं। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना या घर की सफाई करना भी उचित नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से घर की बरकत चली जाती है।
इन कामों की है मनाही
सायंकाल में नाखून और बाल काटने की मनाही है। इसके साथ ही, इस समय उधार लेना या देना और पैसों से संबंधित लेन-देन करना भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
तुलसी संबंधी नियम
सायंकाल में तुलसी में जल अर्पित करना या तुलसी के पत्ते उतारना नहीं चाहिए। इस समय केवल दीपक जलाकर तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए और तुलसी को छूने से बचना चाहिए।
रखें इन बातों का ध्यान
सायंकाल में घर का मुख्य द्वार खुला रखना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी का आगमन होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। घर की सफाई, विशेषकर मुख्य द्वार पर, का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मां लक्ष्मी केवल स्वच्छता वाले स्थान पर निवास करती हैं।
मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए
हर शाम मुख्य द्वार और तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। इससे साधक को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।