सावन में खानपान की सावधानियाँ: क्या न खाएं और क्यों?
सावन का महत्व और खानपान
सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। यह समय भगवान शिव की पूजा, व्रत-उपवास और भक्ति का होता है, जो न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा होता है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स करने का भी एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। हालांकि, इस दौरान खानपान में लापरवाही से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
हरी पत्तेदार सब्जियों से परहेज
सावन में पत्तेदार सब्जियों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। बारिश के मौसम में इन पर बैक्टीरिया और कीड़े लग सकते हैं। आयुर्वेदाचार्य डॉ. आदित्य शर्मा के अनुसार, "सावन में पालक, मेथी और सरसों जैसी सब्जियाँ पेट के संक्रमण और फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकती हैं।"
दही और छाछ से दूरी बनाएं
इस मौसम में दही और उससे बने उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर में कफ बढ़ाते हैं। बारिश के कारण दही जल्दी खट्टी हो जाती है, जिससे गैस, अपच और जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
तली-भुनी चीजों से बचें
बरसात में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, इसलिए पकौड़े, समोसे और कचौरी जैसी तैलीय चीजें खाना हानिकारक हो सकता है। ये न केवल पेट में जलन और गैस बढ़ाते हैं, बल्कि लिवर पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
मांसाहार से परहेज
सावन में मांस और मछली का सेवन धार्मिक रूप से वर्जित है, और इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। इस मौसम में मांस जल्दी खराब हो सकता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म और उमस भरे मौसम में मांसाहारी भोजन जल्दी सड़ सकता है।
सड़क किनारे के फलों और जूस से बचें
खट्टे फल और खुले में मिलने वाले जूस अक्सर दूषित पानी और गंदे बर्तनों में बनाए जाते हैं, जिससे वायरल बुखार, टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मसालेदार भोजन से बचें
सावन के मौसम में शरीर पहले से ही संवेदनशील होता है। अधिक मिर्च-मसाले वाला भोजन जलन, एसिडिटी और डायरिया जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है। संतुलित और हल्का भोजन ही इस समय के लिए बेहतर होता है।
बासी खाना हो सकता है हानिकारक
इस मौसम में बासी खाना जल्दी खराब हो जाता है, खासकर जब वह खुले में रखा हो। इसमें मौजूद बैक्टीरिया पेट की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी सलाह
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लें।