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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर उठाए गंभीर सवाल

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के बढ़ते संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने एनएचएआई और एमसीडी को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली की सीमाओं पर स्थित नौ टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार करें। इसके अलावा, स्कूलों की छुट्टियों को जारी रखने का निर्णय लिया गया है, जबकि निर्माण श्रमिकों के भत्ते का मुद्दा भी उठाया गया। जानें और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई में।
 

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने एनएचएआई और एमसीडी को निर्देश दिया कि वे दिल्ली की सीमाओं पर स्थित नौ टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से बंद करने या स्थानांतरित करने पर विचार करें। पीठ ने यह भी कहा कि केवल प्रोटोकॉल बनाने के बजाय मौजूदा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है, क्योंकि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें इस समस्या के व्यावहारिक और प्रभावी समाधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


स्कूलों की छुट्टियां जारी रहेंगी

सुनवाई के दौरान स्कूलों को बंद करने का मुद्दा भी उठाया गया। वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि जब स्कूल बंद होते हैं, तो गरीब बच्चों को सबसे अधिक नुकसान होता है, क्योंकि वे मिड-डे मील जैसी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि इस मामले को विशेषज्ञों पर छोड़ देना चाहिए।


सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूलों की छुट्टियां जारी रहेंगी और आशा जताई कि छुट्टियों के खत्म होने से पहले प्रदूषण में कमी आएगी। सुनवाई के दौरान एक वकील ने दलील दी, जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें विशेषज्ञों की सलाह कम मिलती है और वकील ही विशेषज्ञ बन जाते हैं।


निर्माण श्रमिकों के भत्ते का मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट ने मजदूरों के संगठन की ओर से भत्ते के भुगतान न होने का मुद्दा भी उठाया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे बेकार बैठे निर्माण श्रमिकों की जांच करें और उनके खातों में पैसे भेजें। दिल्ली सरकार ने बताया कि 2.5 लाख निर्माण श्रमिकों में से 7,000 का सत्यापन हो चुका है और उनके खातों में धनराशि हस्तांतरित कर दी जाएगी।


सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि श्रमिकों के खातों में भेजा गया पैसा गायब नहीं होना चाहिए। सुनवाई के दौरान दिल्ली के टोल प्लाजा पर जाम के कारण होने वाले प्रदूषण का मुद्दा भी उठाया गया। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जनवरी तक कोई टोल प्लाजा नहीं रहेंगे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली सरकार कनॉट प्लेस में टोल प्लाजा बना सकती है, क्योंकि उसे पैसे की आवश्यकता है।


मुख्य न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार के नौ टोल प्लाजा को कुछ समय के लिए बंद करने पर विचार किया जाए और इस पर निर्णय लेने के लिए एक सप्ताह का समय निर्धारित किया गया।