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सुष्मिता सेन ने एडिसन डिजीज पर पाया विजय, जानें उनकी स्वास्थ्य यात्रा

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने हाल ही में अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में चौंकाने वाली जानकारी साझा की। दिल के दौरे के बाद, उन्हें एडिसन डिजीज का पता चला, जो एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इस बीमारी में मरीज को जीवनभर स्टेरॉयड दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन सुष्मिता ने अपनी सेहत को सुधारने के लिए विशेष उपाय किए और अब उन्हें स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं है। जानें उनकी इस अद्भुत स्वास्थ्य यात्रा के बारे में और कैसे उन्होंने इस चुनौती का सामना किया।
 

सुष्मिता सेन की स्वास्थ्य यात्रा

बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री सुष्मिता सेन ने हाल ही में अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी साझा की, जिसने सभी को चौंका दिया। दिल का दौरा पड़ने के बाद, उन्हें एक ऑटोइम्यून बीमारी, एडिसन डिजीज का पता चला। इस बीमारी में मरीज को जीवनभर स्टेरॉयड दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि, सुष्मिता ने इस चुनौती का सामना करते हुए न केवल अपनी बीमारी पर नियंत्रण पाया, बल्कि डॉक्टरों को भी आश्चर्यचकित कर दिया कि अब उन्हें स्टेरॉयड की आवश्यकता नहीं है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में और कैसे सुष्मिता ने अपनी सेहत को फिर से सामान्य किया।


एडिसन डिजीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के एड्रेनल ग्रंथियां हार्मोन कोर्टिसोल का सही उत्पादन नहीं कर पाती हैं। ये ग्रंथियां किडनी के ऊपर स्थित होती हैं और जीवन के लिए आवश्यक हार्मोन का निर्माण करती हैं। कोर्टिसोल शरीर में रक्तचाप और सोडियम-पोटैशियम के स्तर को नियंत्रित करता है। जब इसका स्तर कम होता है, तो शरीर कई समस्याओं का सामना करता है, जिसे एड्रेनल क्राइसिस कहा जाता है।


इस बीमारी के लक्षणों में बार-बार मिचली, उल्टी, पेट में दर्द, डायरिया, भूख में कमी, वजन में गिरावट, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी शामिल हैं। सुष्मिता भी इन लक्षणों का सामना कर रही थीं और उन्हें हर आठ घंटे में स्टेरॉयड हाइड्रोकार्टिसोन लेना पड़ता था।


सुष्मिता ने हार नहीं मानी और अपनी सेहत को सुधारने के लिए विशेष उपाय किए। उन्होंने जिम्नास्टिक, एंटी ग्रेविटी एक्सरसाइज, एरियल फिटनेस, योग और डिटॉक्स प्रोग्राम को अपनी दिनचर्या में शामिल किया। इन उपायों ने उनके शरीर में अद्भुत परिवर्तन लाए। एक बार जब वे इमरजेंसी मेडिकल केयर के लिए अस्पताल गईं, तो डॉक्टरों ने जांच के बाद आश्चर्य व्यक्त किया कि अब उनके शरीर ने खुद से कोर्टिसोल का उत्पादन शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, डॉक्टरों ने बताया कि 35 वर्षों के अपने अनुभव में, यह पहली बार है जब उन्होंने किसी को एडिसन डिजीज से इस तरह उबरते देखा है।