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सोशल मीडिया की छाया: क्या आपके डेटा पर नजर रख रहे हैं ये ऐप्स?

सोशल मीडिया आज के डिजिटल युग में हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये प्लेटफॉर्म आपकी व्यक्तिगत जानकारी पर नजर रखते हैं? Apteco की एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि Facebook, Instagram, YouTube और अन्य ऐप्स आपकी गतिविधियों को ट्रैक करते हैं। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे ये ऐप्स आपकी पसंद, लोकेशन और यहां तक कि आपकी राजनीतिक सोच को भी प्रभावित कर सकते हैं। जानें कि आप अपनी प्राइवेसी को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं और किन उपायों को अपनाकर इन ऐप्स की निगरानी से बच सकते हैं।
 

सोशल मीडिया का गहरा प्रभाव

आज के तकनीकी युग में, सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Facebook, Instagram और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म आपकी तस्वीरों और पोस्ट्स के अलावा आपकी लोकेशन, विचारधारा और आदतों पर भी नजर रखते हैं? ब्रिटेन की एक रिसर्च फर्म Apteco की हालिया रिपोर्ट ने इस मुद्दे को उजागर किया है।


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी

रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स केवल मनोरंजन या कनेक्टिविटी का साधन नहीं हैं, बल्कि एक छिपा हुआ निगरानी तंत्र बन चुके हैं। ये आपकी हर डिजिटल गतिविधि को ट्रैक करते हैं, जैसे आपकी पसंद, यात्रा स्थान, बातचीत के विषय और यहां तक कि आपकी राजनीतिक विचारधारा।


कौन से ऐप्स हैं शामिल?

Apteco की रिपोर्ट में बताया गया है कि Facebook, Instagram, YouTube, Threads, LinkedIn, Pinterest, Amazon, Alexa, X (पूर्व में ट्विटर) और PayPal जैसे ऐप्स आपकी दैनिक गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखते हैं। ये ऐप्स आपकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, लोकेशन, संपर्क, वित्तीय लेन-देन और डिवाइस की जानकारी को रिकॉर्ड करते हैं। यह डेटा कंपनियों द्वारा विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए उपयोग किया जाता है।


रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

क्लिक और लोकेशन ट्रैकिंग: सोशल मीडिया ऐप्स आपकी हर गतिविधि को रिकॉर्ड करते हैं।


राजनीतिक विचार और भावनाएं: आपकी सोच और भावनाओं का विश्लेषण भी इन ऐप्स के लिए आसान है।


AI और एल्गोरिदम का प्रभाव: यूजर की डिजिटल आदतों के आधार पर उन्हें विशेष प्रकार का कंटेंट दिखाया जाता है, जिससे उनके विचार प्रभावित हो सकते हैं।


प्राइवेसी का खतरा

इन ऐप्स द्वारा डेटा ट्रैकिंग से सबसे बड़ा खतरा यूजर की स्वतंत्रता और सोच पर पड़ सकता है। Cambridge Analytica स्कैंडल इसका एक उदाहरण है, जहां फेसबुक डेटा का उपयोग कर लाखों लोगों की राजनीतिक सोच का विश्लेषण किया गया और इसका कथित उपयोग 2016 के अमेरिकी चुनाव में किया गया।


अपनी सुरक्षा कैसे करें?

परमिशन का सावधानी से उपयोग करें: कैमरा, माइक और लोकेशन की अनुमति केवल आवश्यकता पड़ने पर दें।


ऐप सेटिंग्स में बदलाव करें: अनावश्यक बैकग्राउंड एक्सेस को बंद करें।


डेटा प्रैक्टिस को समझें: ऐप डाउनलोड करते समय उसकी डेटा नीति को ध्यान से पढ़ें।


फेक ऐप्स से बचें: केवल आधिकारिक और प्रमाणित ऐप्स ही इंस्टॉल करें।


एंटी-ट्रैकिंग टूल्स का उपयोग करें: प्राइवेट मोड या VPN जैसी तकनीकों का सहारा लें।