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स्टारलिंक का भारत में प्रवेश: इंटरनेट क्रांति की नई शुरुआत

एलन मस्क की स्टारलिंक ने भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। केंद्रीय संचार मंत्री ने इसकी सेवाओं के लिए लाइसेंस की पुष्टि की है, जो ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में उच्च गति इंटरनेट उपलब्ध कराएगी। स्टारलिंक की तकनीक और साझेदारी से भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार होगा। जानें इस नई सेवा के महत्व और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
 

एलन मस्क की स्टारलिंक का भारतीय टेलीकॉम में नया अध्याय

स्टारलिंक का आगमन: एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा, स्टारलिंक, ने भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 6 जून 2025 को बताया कि स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट संचार सेवाएं शुरू करने के लिए जल्द ही लाइसेंस दिया जाएगा। यह कदम ग्रामीण और कठिनाई वाले क्षेत्रों में उच्च गति इंटरनेट की उपलब्धता को बढ़ावा देगा। स्टारलिंक को पहले ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस से जीएमपीसीएस लाइसेंस के लिए लेटर ऑफ इंटेंट प्राप्त हो चुका है।


स्टारलिंक की तकनीक और सेवाएं

स्टारलिंक का भारत में आगमन

स्टारलिंक, जो स्पेसएक्स का हिस्सा है, 7,000 से अधिक लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) सैटेलाइट्स के माध्यम से उच्च गति इंटरनेट प्रदान करता है। यह तकनीक पारंपरिक जियोस्टेशनरी सैटेलाइट्स की तुलना में कम विलंबता के साथ तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती है। भारत में इसकी सेवाएं उन क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच प्रदान करेंगी जहां ऑप्टिकल फाइबर या मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है। संचार मंत्री ने इसे 'टेलीकॉम गुलदस्ते में एक नया फूल' बताया और कहा कि इससे इंटरनेट की पहुंच बढ़ेगी और ग्राहक आधार में तेजी से वृद्धि होगी।


साझेदारी और बाजार में प्रतिस्पर्धा

रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ सहयोग

मार्च 2025 में, स्टारलिंक ने भारत के प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी की घोषणा की। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि पहले ये कंपनियां स्टारलिंक के भारत में प्रवेश का विरोध कर रही थीं। अब, जियो और एयरटेल स्टारलिंक के उपकरण अपने रिटेल स्टोर्स में बेचेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों, स्कूलों, और स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। यह सहयोग स्टारलिंक को भारत के विशाल बाजार में तेजी से प्रवेश करने में मदद करेगा।


सुरक्षा नियम और डेटा स्थानीयकरण

सख्त सुरक्षा नियमों का पालन

भारत सरकार ने स्टारलिंक के लिए सख्त सुरक्षा और डेटा स्थानीयकरण नियम लागू किए हैं। स्टारलिंक को भारतीय उपयोगकर्ताओं की जानकारी को देश के भीतर ही स्टोर करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, भारतीय हवाई क्षेत्र में ट्रैफिक केवल स्थानीय गेटवे पर समाप्त होना चाहिए। स्टारलिंक ने इन शर्तों को स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद उसे लाइसेंस की मंजूरी मिली।


भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी का महत्व

टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा

स्टारलिंक की एंट्री से भारत के टेलीकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल, जो भारतीय टेलीकॉम बाजार का 70% से अधिक हिस्सा नियंत्रित करते हैं, ने पहले सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग की थी। हालांकि, सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार प्रशासनिक आवंटन को चुना। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) जल्द ही सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की कीमत और आवंटन नियमों पर अपनी सिफारिशें देगी।


स्टारलिंक का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव

भारत के लिए क्या है महत्व?

स्टारलिंक की सेवाएं भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देंगी। अप्रैल 2025 तक भारत की ग्रामीण टेली-घनत्व केवल 59.26% थी, और कई क्षेत्रों में इंटरनेट की गति और कनेक्टिविटी की कमी है। स्टारलिंक की योजनाएं 25-220 एमबीपीएस डाउनलोड स्पीड और 25-50 मिलीसेकंड की लेटेंसी प्रदान करने की हैं, जो स्ट्रीमिंग, गेमिंग और वीडियो कॉलिंग के लिए उपयुक्त है। इसके अलावा, स्टारलिंक की आक्रामक कीमत नीति, जिसमें 10 डॉलर (लगभग 850 रुपये) प्रति माह की योजना शामिल है, 5जी फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (एफडब्ल्यूए) बाजार को चुनौती दे सकती है।