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स्वच्छ पेयजल की सुनिश्चितता के लिए विभाग की पहल

जींद में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की टीम ने गांव रूपगढ़ में स्वच्छ पेयजल की जांच और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया। इस दौरान, टीम ने घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के प्रति जागरूक किया और पेयजल की गुणवत्ता की जांच की। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे यह ग्रामीणों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
 

जलघर का निरीक्षण और जागरूकता अभियान


जींद। बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने और हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की टीम ने शुक्रवार को गांव रूपगढ़ में घर-घर जाकर जानकारी दी। इस दौरान पानी में क्लोरिनेशन की जांच की गई। विभाग के जिला सलाहकार रणधीर मताना ने बताया कि इस टीम में जिला लैब के केमिस्ट विरेंद्र सिंह और खंड समन्वयक दिनेश मलिक शामिल थे।


टीम ने गांव के जलघर में पहुंचकर पेयजल की क्लोरिनेशन की स्थिति की जांच की, जो सही पाई गई। इसके बाद, बक्ट्रोलोजिकल और कैमिकल जांच के लिए सैंपल लिए गए। जलघर में क्लीयर वाटर टैंक, स्टोरेज टैंक, फिल्टर और क्लोरिनेशन डोजर का निरीक्षण भी किया गया। इसके बाद, टीम ने गांव में घर-घर जाकर क्लोरिनेशन के सैंपल लिए। कैमिस्ट विरेंद्र सिंह ने बताया कि जलघर से पेयजल आपूर्ति के साथ क्लोरिनेशन मिलाई जाती है।


सैंपल एकत्रित कर जांच की जाएगी

बक्ट्रोलोजिकल और कैमिकल जांच के लिए सैंपल एकत्रित किए गए हैं, जिन्हें जिला लैब में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। खंड समन्वयक दिनेश मलिक ने ग्रामीणों को जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल उपभोक्ताओं को अपने नलों पर टेप लगानी चाहिए और जल का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए।


ग्रामीणों को यह भी सलाह दी गई कि पेयजल कनेक्शन के आसपास सफाई रखनी चाहिए और पाइपलाइन में काली पाइप की जगह अच्छी प्लास्टिक की पाइप का उपयोग करना चाहिए ताकि लिकेज की समस्या न हो। इस अवसर पर टीम ने आंगनवाड़ी और स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई।


महिलाओं को जागरूक किया गया

उचाना के खंड समन्वयक कुशल शर्मा ने जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आंगनवाड़ी में कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं को पेयजल की जांच और विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक किया गया।