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हरियाणा में गौशाला योजना: जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जन्माष्टमी के अवसर पर गौशाला योजना के तहत चारा अनुदान की घोषणा की। उन्होंने कुरुक्षेत्र की 19 गौशालाओं को 1.80 करोड़ रुपये का अनुदान दिया और प्रदेश की 605 गौशालाओं के लिए 88.50 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का ऐलान किया। गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर प्लांट और ई-रिक्शा की योजना भी लागू की जा रही है। जानें इस योजना के तहत और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

मुख्यमंत्री का चारा अनुदान का ऐलान

हरियाणा गौशाला योजना: जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कुरुक्षेत्र की 19 गौशालाओं को 1.80 करोड़ रुपये का चारा अनुदान प्रदान किया। इसके साथ ही, प्रदेश की 605 गौशालाओं के लिए कुल 88.50 करोड़ रुपये की राशि जारी करने का भी ऐलान किया गया।


गायों की पूजा और अनुदान का इतिहास

मुख्यमंत्री ने गीता ज्ञान संस्थान में आयोजित एक समारोह में गायों को गुड़ और चारा खिलाकर उनकी पूजा की। उन्होंने बताया कि पिछले साढ़े दस वर्षों में सरकार ने गौशालाओं को 270 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। अब तक कुल 358.50 करोड़ रुपये की राशि गौशालाओं को दी जा चुकी है। यह राशि गौशालाओं के विकास और गौवंश के संरक्षण में खर्च की जाएगी।


गौशालाओं की आत्मनिर्भरता के लिए सोलर प्लांट

गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोलर प्लांट और ई-रिक्शा की योजना।

सीएम सैनी ने बताया कि राज्य की 330 गौशालाओं में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। बाकी गौशालाओं में भी जल्द ही सोलर प्लांट लगाने का कार्य पूरा किया जाएगा, जिससे ये ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसके अलावा, 800 ई-रिक्शा की खरीद प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे गौशालाओं की दैनिक आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी।


गोकुल मिशन और रोजगार के नए अवसर

गोकुल मिशन और पंचगव्य उत्पादों से रोजगार में वृद्धि।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया गोकुल मिशन हरियाणा में प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। इसके तहत देशी नस्ल की गायों के संरक्षण और संवर्धन पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गौशालाएं अब गोबर और गोमूत्र से प्राकृतिक उत्पाद जैसे फिनाइल, जैविक खाद, दीया, साबुन, पेंट आदि बना रही हैं।

सरकार पंचगव्य उत्पादों के लिए आवश्यक मशीनरी की खरीद में सहायता कर रही है, जिससे गौशालाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। साथ ही, "हरियाणा गौ-वंश संरक्षण व संवर्धन अधिनियम-2015" के तहत गायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।