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हरियाणा में बिजली दरों में वृद्धि पर बसपा की कड़ी प्रतिक्रिया

हरियाणा में बिजली दरों में 30 प्रतिशत की वृद्धि पर बसपा अध्यक्ष डा. कृष्ण जमालपुर ने इसे जनविरोधी और असंवेदनशील बताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय गरीब और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर सीधा आर्थिक प्रहार है। बसपा ने मांग की है कि इस वृद्धि को तुरंत रद्द किया जाए और बिजली को एक मूलभूत जनसुविधा के रूप में संरक्षित किया जाए। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती, तो पार्टी जन आंदोलन करने के लिए तैयार है।
 

बसपा अध्यक्ष का बयान

सिरसा - हरियाणा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदेश अध्यक्ष डा. कृष्ण जमालपुर ने राज्य सरकार द्वारा एक अप्रैल 2025 से बिजली दरों में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि को गंभीरता से निंदनीय और जनविरोधी करार दिया है।
जमालपुर ने शुक्रवार को कहा कि यह निर्णय हरियाणा की आम जनता, विशेषकर गरीब, किसान, श्रमिक और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर एक सीधा आर्थिक आघात है। नई बिजली दर संरचना के तहत स्लैब प्रणाली में बदलाव, प्रति यूनिट दरों में वृद्धि और 50 यूनिट से कम खपत करने वाले गरीब उपभोक्ताओं पर फिक्स चार्ज लागू करना यह दर्शाता है कि सरकार जनसुविधाओं को लाभ का साधन बना रही है।


उन्होंने आगे कहा कि जब देश पहले से ही बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता के संकट से जूझ रहा है, तब बिजली जैसी आवश्यक सेवा पर इस तरह का बोझ डालना भाजपा सरकार की जनविमुख सोच को उजागर करता है। यह नीतिगत निर्णय स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भाजपा शासन आमजन की समस्याओं से पूरी तरह अंजान है।


बसपा ने मांग की है कि बिजली दरों में की गई वृद्धि को तुरंत रद्द किया जाए और गरीब, किसान, श्रमिक एवं निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं से फिक्स चार्ज की व्यवस्था समाप्त की जाए। बिजली को एक मूलभूत जनसुविधा और मानवाधिकार के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए, न कि इसे लाभ का साधन बनाया जाए। यदि राज्य सरकार इस जनविरोधी निर्णय को तुरंत वापस नहीं लेती, तो बसपा प्रदेशभर में जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। पार्टी जनहित और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी रामसिंह फौजी, प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रेम राठी, जिला प्रभारी गुरदीप कंबोज, प्रभारी बुल्लेशाह और अन्य नेता भी उपस्थित थे।