हरियाणा में मानसून का रिकॉर्ड तोड़ असर: बारिश और फसलों पर प्रभाव
हरियाणा में मौसम का हाल
चंडीगढ़, हरियाणा मौसम अपडेट। इस बार हरियाणा में मानसून ने पिछले चार वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है! सितंबर 2025 में 2021 के बाद सबसे अधिक वर्षा हुई है। आज, यानी गुरुवार को, हरियाणा के छह जिलों में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जानिए किन जिलों में बारिश होगी और इस मानसून ने फसलों को कितना नुकसान पहुँचाया है।
आज बारिश की संभावना
आज कहां होगी बारिश?
हिसार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदनलाल खीचड़ ने बताया कि गुरुवार को यमुनानगर, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, जींद, कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, पानीपत, भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, मेवात और पलवल में मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। डॉ. खीचड़ के अनुसार, 14 सितंबर तक मौसम का यही हाल रहेगा।
फसलों पर बारिश का प्रभाव
फसलों पर बारिश की मार
इस मानसून में भारी बारिश और नहरों के ओवरफ्लो होने के कारण हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, यमुनानगर, अंबाला, भिवानी और जींद जैसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। लगभग 5754 गांवों में 18 लाख 66 हजार एकड़ खेतों में खड़ी फसलें डूब गईं, जिससे 3 लाख से अधिक किसानों को नुकसान हुआ। सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।
बारिश की मात्रा
कहां कितनी बारिश हुई?
इस बार उत्तर हरियाणा में मानसून ने भरपूर बारिश की। यमुनानगर में सबसे अधिक 1080 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि अंबाला, पंचकूला और कुरुक्षेत्र में भी अच्छी बारिश हुई। दक्षिण हरियाणा के महेंद्रगढ़ में 818 मिमी बारिश हुई। वहीं, सिरसा में सबसे कम 346.6 मिमी और भिवानी में 369.4 मिमी बारिश हुई। सामान्यतः 11 सितंबर तक 388.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार 564 मिमी बारिश हो चुकी है।
मानसून की भविष्यवाणी
मानसून अब कमजोर, क्या है आगे की भविष्यवाणी?
डॉ. खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में मानसून अब कमजोर पड़ रहा है। 14 सितंबर तक कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। उन्होंने कहा कि 2021 में जुलाई-अगस्त में कम और सितंबर में तेज बारिश हुई थी, लेकिन इस बार जुलाई, अगस्त और सितंबर में लगातार भारी बारिश देखने को मिली है।