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हरियाणा में मानसून की विदाई, बढ़ेगा तापमान और उमस

हरियाणा में मानसून का समापन हो गया है, जिसके बाद तापमान में वृद्धि की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने गर्मी और उमस बढ़ने की चेतावनी दी है। इस वर्ष मानसून ने सामान्य से अधिक वर्षा की, लेकिन अब स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगा है। वायरल बुखार और अन्य लक्षणों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जानें इस मौसम के बारे में और अधिक जानकारी।
 

हरियाणा मौसम अपडेट 20 सितंबर

चंडीगढ़: हरियाणा में आधिकारिक रूप से मानसून का समापन हो गया है। पिछले चार महीनों तक सक्रिय रहने के बाद, मानसून ने इस बार प्रदेश में सामान्य से अधिक वर्षा की, लेकिन अब इसके जाने के साथ ही तापमान में लगातार वृद्धि होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों ने अगले दिनों में तीव्र गर्मी और उमस बढ़ने की चेतावनी दी है।


मानसून का प्रदर्शन

मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष हरियाणा में मानसून लगभग 112 दिनों तक सक्रिय रहा और इस दौरान 568.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। यह आंकड़ा सामान्य (409.7 मिमी) से लगभग 39% अधिक है, जो दर्शाता है कि इस बार मानसून ने हरियाणा में औसत से बेहतर प्रदर्शन किया।


आगामी मौसम की स्थिति

अब मौसम रहेगा साफ, बढ़ेगा तापमान


भारतीय मौसम विभाग (IMD) चंडीगढ़ के अनुसार, 20 से 22 सितंबर के बीच हरियाणा के किसी भी जिले में वर्षा की संभावना नहीं है। सभी जिलों में आसमान साफ रहेगा और धूप तीव्र होगी, जिससे दिन के तापमान में तेजी से वृद्धि होगी और गर्मी का प्रभाव फिर से प्रदेश को प्रभावित करेगा।


तापमान की स्थिति

शुक्रवार को हिसार हरियाणा का सबसे गर्म जिला रहा, जहां अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पलवल में तापमान 37 डिग्री और हथिनीकुंड (यमुनानगर) में न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शनिवार की सुबह हरियाणा में न्यूनतम तापमान 23°C के आसपास रहा।


स्वास्थ्य पर प्रभाव

बदलते मौसम से स्वास्थ्य पर असर, बढ़े वायरल के मामले


दिन और रात के तापमान में बढ़ते अंतर के कारण लोगों की सेहत पर असर पड़ने लगा है। प्रदेश के कई जिलों में वायरल बुखार, खांसी-जुकाम और गले में खराश जैसे लक्षणों वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे बदलते मौसम में सतर्क रहें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।


बारिश का आंकड़ा

सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले जिले


इस सीजन में यमुनानगर सबसे अधिक वर्षा वाला जिला रहा, जहां 1116.5 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं, सिरसा में सबसे कम बारिश हुई, जहां केवल 346.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई।


हाल की बारिश का प्रभाव

पिछले दिनों की बारिश: पंचकूला और कैथल में रहा असर


हालांकि शुक्रवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हलचल देखी गई, पंचकूला में तेज बारिश हुई जबकि कैथल में घने काले बादलों ने आसमान को ढक लिया था। लेकिन अब मौसम वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि आगामी दिनों में किसी भी जिले में वर्षा की संभावना नहीं है।