हरियाणा में मौसम का हाल: उमस और गर्मी से परेशान लोग
हरियाणा मौसम अपडेट 11 सितंबर: क्या मानसून ने अलविदा कहा?
चंडीगढ़ | हरियाणा में बारिश का सिलसिला थम गया है, जिससे गर्मी और उमस ने लोगों को फिर से परेशान करना शुरू कर दिया है।
क्या मानसून ने विदाई ले ली है या अभी भी बारिश की उम्मीद है? मौसम विभाग ने ताजा जानकारी साझा की है, जिसमें प्रदेश के मौजूदा मौसम की स्थिति का विवरण दिया गया है। आइए, जानते हैं हरियाणा में अगले कुछ दिनों का मौसम कैसा रहने वाला है।
फरीदाबाद और अन्य जिलों में उमस का असर
सितंबर की शुरुआत में लोगों को उम्मीद थी कि मौसम सुहाना होगा, लेकिन गर्मी और उमस ने राहत को छीन लिया है। फरीदाबाद सहित हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में पिछले छह दिनों से बारिश नहीं हुई है। तापमान बढ़ने के साथ-साथ उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है।
हालांकि, 35-40 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हवाएं थोड़ी राहत प्रदान कर रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, ये हवाएं अगले 2-3 दिनों तक चलती रहेंगी।
कौन से जिलों में होगी बारिश?
हरियाणा मौसम विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ के अनुसार, आज पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल में हल्की बारिश की संभावना है।
लेकिन सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में मौसम साफ रहेगा। इन जिलों में गर्मी और उमस का असर बना रहेगा। विभाग का कहना है कि 14 सितंबर तक यही स्थिति बनी रहेगी।
इस बार मानसून ने जमकर बरसात की
इस वर्ष हरियाणा में मानसून ने 45% अधिक बारिश की है। सामान्यतः 10 सितंबर तक 388.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार 564.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। यमुनानगर में सबसे अधिक 1080.4 मिमी और महेंद्रगढ़ में 818 मिमी बारिश हुई, जबकि सिरसा (346.6 मिमी) और भिवानी (369.4 मिमी) में बारिश कम रही।
इस बारिश ने किसानों की फसलों को लहलहाने में मदद की, लेकिन बाढ़ और जलभराव ने 5,754 गांवों को प्रभावित किया, जिससे 3 लाख किसानों को नुकसान हुआ। 18 लाख 66 हजार एकड़ फसल बर्बाद हुई। सरकार ने किसानों की सहायता के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू किया है, जहां वे नुकसान का दावा कर सकते हैं।
मानसून कमजोर, आगे क्या?
हिसार कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि मानसून अब कमजोर पड़ रहा है। अगले चार दिनों में कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन तेज बारिश की संभावना कम है। 2021 के बाद इस साल सबसे अधिक बारिश हुई, लेकिन इस बार जुलाई-अगस्त में ही मानसून ने अपना जोर दिखाया, जबकि 2021 में सितंबर में अधिक बारिश हुई थी।