हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई बढ़ी
हार्वर्ड पर प्रशासन का दबाव
ट्रंप प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर लगातार दबाव बना रहा है। प्रशासन का आरोप है कि यह प्रतिष्ठित संस्थान न केवल वामपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह यहूदी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी असफल रहा है। इस स्थिति के चलते हार्वर्ड की मान्यता भी खतरे में पड़ गई है।
जानकारी देने से इनकार
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी और शिक्षा विभाग ने हार्वर्ड पर आरोप लगाया है कि उसने अपने विदेशी छात्रों और एक्सचेंज प्रोग्राम से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान करने से मना कर दिया। प्रशासन ने पहले 'आसान तरीका' अपनाने का प्रयास किया, लेकिन जब हार्वर्ड ने सहयोग नहीं किया, तो अब 'मुश्किल रास्ता' अपनाने की बात की गई। सहायक सचिव ट्रिशा मैकलॉफलिन ने कहा, "अगर हार्वर्ड अपने छात्रों के हितों की रक्षा नहीं करेगा, तो हम करेंगे।"
यहूदी छात्रों के उत्पीड़न का मामला
यहूदी छात्रों पर हो रहे उत्पीड़न का आरोप
सरकारी बयान के अनुसार, हार्वर्ड पर यह भी आरोप है कि वह यहूदी छात्रों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के मामलों को नजरअंदाज कर रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस और एजुकेशन डिपार्टमेंट ने हार्वर्ड की मान्यता देने वाली एजेंसी को नोटिस भेजा है कि विश्वविद्यालय ने संघीय कानूनों का उल्लंघन किया है। यदि आरोप सही साबित हुए, तो हार्वर्ड की मान्यता रद्द की जा सकती है, जिससे छात्रों को मिलने वाली संघीय सहायता रुक सकती है.
एलिट यूनिवर्सिटीज पर सख्ती
एलिट यूनिवर्सिटीज पर लगातार सख्ती
यह कदम ट्रंप प्रशासन की उन कार्रवाइयों का हिस्सा है, जिसमें वह देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों पर सख्ती बरत रहा है। प्रशासन का मानना है कि ये संस्थान वामपंथी विचारधाराओं के गढ़ बन गए हैं और छात्र हितों की अनदेखी कर रहे हैं। इससे पहले भी प्रशासन ने कई उच्च शिक्षण संस्थानों पर कार्रवाई की थी। हार्वर्ड की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.