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जींद में सोमवार से शुरू होगी पीआर धान की सरकारी खरीद

जींद जिले में सोमवार से पीआर धान की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है। किसानों को मंडियों में सभी सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। धान की नमी की मात्रा और खरीद प्रक्रिया के बारे में जानें। क्या किसानों को खरीद में कोई परेशानी होगी? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

धान खरीद की तैयारी


जींद जिले की अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद सोमवार से प्रारंभ होने जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत किसानों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया गया है। जींद, नरवाना और सफीदों की मंडियों में धान की आवक पहले ही शुरू हो चुकी है। हालांकि, किसानों में यह चिंता थी कि उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए कितनी देर तक इंतजार करना पड़ेगा।


धान की आवक और सरकारी रेट

शनिवार को शहर की अनाज मंडी में किसानों ने पीआर धान की 260 क्विंटल और 1509 किस्म की 170 क्विंटल फसल लाकर दी। किसानों को उम्मीद है कि सोमवार को उनकी पीआर धान सरकारी दर पर खरीदी जाएगी, जबकि 1509 किस्म को निजी बोली पर बेचा जाएगा। वर्तमान में मंडी में धान की नमी की मात्रा अधिक होने के कारण निजी बोली पर भी खरीद नहीं हो रही है।


धान खरीद के लिए नमी की मात्रा

किसान मशीन से धान काटकर लाते हैं, जिससे इसमें नमी की मात्रा बढ़ जाती है। धान की खरीद के लिए नमी की मात्रा 17 प्रतिशत होनी चाहिए, जबकि मंडी में आने वाले पीआर धान में यह 22 प्रतिशत से अधिक है। इस वर्ष पीआर धान का सरकारी रेट 2289 रुपये निर्धारित किया गया है।


किसानों को संभावित समस्याएं

सरकार ने 22 सितंबर से धान खरीद का कार्यक्रम शुरू किया है। खरीद प्रक्रिया से पहले मंडियों को मिल आवंटित करना आवश्यक है। आढ़तियों को मिल से बारदाना प्राप्त करना होता है। इस बार अभी तक मंडियों को मिल आवंटित नहीं हुए हैं, जिससे धान की खरीद में देरी हो सकती है। पिछले वर्ष जिले की मंडियों में 32 मिलों ने धान की खरीद की थी।


किसानों के लिए सलाह

मार्केट कमेटी के सचिव संजीव कुमार ने किसानों को सलाह दी है कि वे धान को सुखाकर लाएं ताकि उनकी फसल तुरंत बिक सके। अब किसान अपने मोबाइल से गेट पास भी काट सकते हैं और मंडी के गेट पर भी पास बनाए जाएंगे। 22 सितंबर से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू होगी। किसानों के लिए मंडी में पेयजल, शौचालय और सफाई की व्यवस्था की गई है।