नेशनल पेंशन सिस्टम: रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित निवेश का मार्ग
एनपीएस का महत्व और विशेषताएँ
दुनिया में पारंपरिक सरकारी पेंशन प्रणाली को समाप्त हुए दो दशकों से अधिक का समय हो चुका है। अब सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी सभी नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) पर निर्भर हैं। एनपीएस की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें निवेशक अपनी क्षमता और योजना के अनुसार राशि डाल सकते हैं, जिससे रिटायरमेंट के समय एक बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है। इसके अलावा, बच्चों के लिए एनपीएस खाता खोलने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसे एनपीएस वात्सल्य योजना कहा जाता है।महंगाई के बढ़ते स्तर को देखते हुए, भविष्य में मासिक खर्च ₹1 लाख तक पहुंच सकता है। यदि आप रिटायरमेंट के बाद किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहते, तो आज से ही मजबूत निवेश की योजना बनाना आवश्यक है।
एनपीएस एक सरकारी प्रायोजित दीर्घकालिक निवेश योजना है, जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसमें दो प्रकार के खाते होते हैं: टियर-I, जो रिटायरमेंट अकाउंट है और टियर-II, जो वैकल्पिक बचत खाता है। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार इक्विटी, बॉंड और सरकारी प्रतिभूतियों में फंड का वितरण कर सकते हैं।
एनपीएस के माध्यम से आप आयकर में भी राहत प्राप्त कर सकते हैं। धारा 80CCD(1) के तहत, सालाना ₹1.5 लाख तक की राशि टैक्स फ्री होती है। इसके अतिरिक्त, 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की अतिरिक्त छूट भी उपलब्ध है। इस प्रकार, कुल मिलाकर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिल सकती है।
अब सवाल यह है कि हर महीने ₹1 लाख की पेंशन के लिए कितनी बचत करनी होगी? मान लीजिए, एक व्यक्ति की उम्र 40 वर्ष है। यदि वह रिटायरमेंट की उम्र 60 वर्ष तक हर महीने नियमित निवेश करता है और एनपीएस में औसतन 10% का सालाना रिटर्न प्राप्त करता है, तो उसे 20 वर्षों में लगभग ₹4.97 करोड़ का कोष बनाना होगा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर महीने लगभग ₹65,000 का निवेश आवश्यक होगा।
एनपीएस के नियमों के अनुसार, रिटायरमेंट पर आप कुल फंड का 60% हिस्सा टैक्स फ्री निकाल सकते हैं। शेष 40% राशि से एन्युइटी खरीदना आवश्यक है, जो आपको मासिक पेंशन प्रदान करती है। यदि एन्युइटी पर 6% वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो ₹1.99 करोड़ की एन्युइटी से हर महीने लगभग ₹1 लाख की पेंशन प्राप्त की जा सकती है।