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2024-25 के वेडिंग सीजन में क्या हैं नए ट्रेंड्स? जानें दुल्हनों और दूल्हों की पसंद

नवंबर का महीना आते ही शादी-ब्याह का मौसम शुरू हो जाता है। इस साल के वेडिंग सीजन में लगभग 46 लाख शादियों का अनुमान है, जिसमें खर्च का एक बड़ा हिस्सा आभूषणों पर जाएगा। दुल्हनें हल्के और व्यक्तिगत परिधान चुन रही हैं, जबकि दूल्हे प्रयोगात्मक रंगों को अपनाने लगे हैं। सजावट में पेस्टल रंगों का प्रभाव बढ़ रहा है और डेस्टिनेशन वेडिंग्स अब अनुभव पर केंद्रित हैं। जानें इस साल के वेडिंग ट्रेंड्स के बारे में और अधिक जानकारी।
 

वेडिंग सीजन का आगाज़


जैसे ही नवंबर का महीना शुरू होता है, मौसम में एक खास बदलाव देखने को मिलता है। हल्की ठंड, त्योहारों का समापन और शादी-ब्याह का उत्साह चारों ओर फैला होता है। यह वह समय है जब लोग अपने पारंपरिक कपड़े निकालते हैं और हर हफ्ते किसी न किसी शादी का निमंत्रण घर पर आता है।


इस साल का वेडिंग सीजन

इस साल का विवाह काल विशेष माना जा रहा है। 1 नवंबर से शुरू होकर 45 दिनों तक चलने वाले इस सीजन में लगभग 46 लाख शादियों का अनुमान है। इस दौरान करीब 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।


शादियां केवल रस्मों और भावनाओं का संगम नहीं हैं, बल्कि यह फैशन, सजावट, भोजन और अनुभवों का भी बड़ा उत्सव बन चुकी हैं। इस बार हमने विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों से बात की है ताकि 2024-25 के विवाह मौसम में प्रमुख रुझानों को समझा जा सके।


आभूषणों में आधुनिकता और परंपरा का संगम

सी. कृष्णैया चेट्टी ग्रुप के चैतन्य वी. कोथा के अनुसार, इस साल शादी के खर्च का लगभग आधा हिस्सा आभूषणों पर जाएगा। सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, युवा जोड़े ऐसे गहनों को पसंद कर रहे हैं जो दिखावे के बजाय विरासत के रूप में आगे भी पहने जा सकें।


लैब-ग्रोन डायमंड का चलन तेजी से बढ़ रहा है और जेंडर-फ्लुइड डिज़ाइन भी लोकप्रिय हो रहे हैं। हल्के, मॉड्यूलर और कन्वर्टिबल डिज़ाइन पारंपरिक भारी सेटों की जगह ले रहे हैं। दुल्हनों के बीच पोल्की, कुंदन और पेस्टल रत्नों वाले गहनों का ट्रेंड बढ़ रहा है।


परिधान: हल्के और व्यक्तिगत

डिज़ाइनर आयशा राव बताती हैं कि दुल्हनें अब पारंपरिक धारणाओं से हटकर ऐसे कपड़े चुन रही हैं जो हल्के और सहज हों। रंगों में नयापन देखने को मिल रहा है, जैसे पेस्टल, मेटैलिक और ज्वेल-टोन। दूल्हे भी क्रीम और गोल्ड के अलावा प्रयोगात्मक रंगों और प्रिंट्स को अपनाने लगे हैं।


रोज़रूम की ईशा जाजोदिया का मानना है कि बहुउपयोगी और दोबारा पहने जा सकने वाले परिधानों की मांग बढ़ी है। आज की दुल्हन शिल्प कौशल चाहती है, लेकिन भारीपन से दूर रहना पसंद करती है।


डेकोर और आयोजन: अनुभव पर ध्यान

इवेंट विशेषज्ञ प्रिया मगंती का कहना है कि इस साल की शादियां व्यक्तिगत अनुभवों पर केंद्रित हैं। जोड़े चाहते हैं कि डेकोर, मेनू और मनोरंजन उनकी कहानी को बयां करें। सजावट में पेस्टल रंगों का प्रभाव अधिक देखने को मिल रहा है।


डेस्टिनेशन वेडिंग्स अब केवल समारोह नहीं, बल्कि कई दिनों का अनुभव बन चुकी हैं, जिसमें योगा मॉर्निंग्स से लेकर स्पा सत्र और स्थानीय भ्रमण शामिल हैं।


मनोरंजन और फोटोग्राफी: असली और भावनात्मक

LED शो, लाइव परफॉर्मेंस और AR फोटो बूथ जैसे नए विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। फोटोग्राफी में भी बदलाव आया है। कपल्स अब स्क्रिप्टेड और पोज़्ड फोटोज़ के बजाय असली भावनाओं को कैद करवाना पसंद कर रहे हैं। डॉक्यूमेंट्री-स्टाइल वीडियोग्राफी का चलन भी बढ़ रहा है।