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CISF जवानों को अग्नि सुरक्षा में मिली नई ट्रेनिंग

CISF ने देशभर के 113 शहरों में अग्नि सुरक्षा के लिए जवानों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल के तहत 380 फायर कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिससे उनकी तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि होगी। CISF का उद्देश्य अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में एक सक्रिय संस्कृति को बढ़ावा देना है। अग्निशामक कर्मियों को नवीनतम अनुसंधान और प्रथाओं के अनुसार प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे आपातकालीन स्थितियों में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया कर सकें।
 

CISF की नई जिम्मेदारी

देशभर के एयरपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा का कार्य अब CISF (Central Industrial Security Force) के जवानों द्वारा किया जाएगा। हाल ही में, इन स्थानों पर आग लगने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए भी इन्हें प्रशिक्षित किया गया है। इसके लिए CISF के फायर सर्विस ट्रेनिंग संस्थान ने 11 प्रशिक्षण बैचों का आयोजन किया, जिसमें 113 शहरों के 274 फायर कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।


106 जवानों की नई भूमिका

देश की सुरक्षा में पारा मिलेट्री फोर्स को एक नई दिशा दी जा रही है। पारंपरिक सुरक्षा मानकों से आगे बढ़ते हुए, अब नई तकनीकों पर जोर दिया जा रहा है। इस नई तकनीक का एक हिस्सा अग्नि सुरक्षा सिलेबस है। 2023 में, CISF ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें अग्नि सुरक्षा सिलेबस पर प्रशिक्षण कैंप चलाने की अनुमति मांगी गई थी। गृह मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद, 5 बैचों के साथ प्रशिक्षण शुरू किया गया, जिसमें 10 राज्यों के 46 शहरों के 106 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। अगला प्रशिक्षण सत्र 25 अगस्त, 2025 को शुरू होगा।


380 फायर कर्मियों का प्रशिक्षण

अब तक चार प्रशिक्षण कैंप सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। CISF प्रवक्ता सरोज भूपेंद्र के अनुसार, 380 फायर कर्मियों को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित किया जा चुका है। ये कर्मी विभिन्न राज्यों से आते हैं। उन्होंने बताया कि CISF अग्निशामक कर्मियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने और अग्नि सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन की तैयारियों के लिए एक सक्रिय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।


नवीनतम अपडेट

CISF प्रवक्ता सरोज भूपेंद्र ने कहा कि हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अग्नि सुरक्षा अनुसंधान और प्रथाओं में नवीनतम जानकारी के अनुसार लगातार अपडेट किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारे अग्निशामक न केवल आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं, बल्कि आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए भी सक्षम हैं।