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दिल के दौरे का बढ़ता खतरा: NCR में युवाओं की स्वास्थ्य चिंताएँ

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 30 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या वायु प्रदूषण, आलसी जीवनशैली, और तनाव के कारण हो रही है। इसके अलावा, कम उम्र में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का बढ़ता प्रचलन भी चिंता का विषय है। जानें इस समस्या के पीछे के कारण और इससे बचने के उपाय।
 

दिल के दौरे की बढ़ती घटनाएँ


हाल के वर्षों में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 30 से 40 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में हार्ट अटैक के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। यह आयु वर्ग पहले दिल की बीमारियों के लिए सुरक्षित माना जाता था।


पर्यावरण और जीवनशैली के प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या के पीछे पर्यावरण, जीवनशैली और मेटाबॉलिक कारकों का खतरनाक मिश्रण है। इस विषय पर जानकारी के लिए, हमने डॉ. विनय कुमार पांडे, जो यथार्थ हॉस्पिटल, फरीदाबाद में कार्डियोलॉजी के निदेशक हैं, से बातचीत की।


वायु प्रदूषण का खतरा

NCR में वायु की गुणवत्ता में निरंतर गिरावट इस समस्या का एक प्रमुख कारण है। PM2.5 और विषैले गैसों का स्तर अधिकांश समय खतरनाक बना रहता है। ये सूक्ष्म कण श्वसन तंत्र के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर रक्त में मिल जाते हैं। लंबे समय तक इन प्रदूषकों के संपर्क में रहने से सूजन, ऑक्सीडेटिव तनाव और रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया तेज हो जाती है। शोध से पता चला है कि वायु प्रदूषण अब न केवल बुजुर्गों, बल्कि युवाओं में भी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा रहा है।


आलसी जीवनशैली और तनाव

कॉर्पोरेट संस्कृति, लंबे कार्य घंटे, लगातार स्क्रीन टाइम और नींद की कमी भी दिल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्तचाप और दिल पर दबाव बढ़ता है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम की कमी और प्रोसेस्ड या जंक फूड भी दिल की बीमारियों में योगदान करते हैं।


कम उम्र में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ

NCR में अब डायबिटीज, मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियाँ कम उम्र में देखी जा रही हैं। समस्या यह है कि इनमें से कई बीमारियाँ बिना लक्षण के लंबे समय तक शरीर को नुकसान पहुँचाती रहती हैं। जब तक किसी व्यक्ति को इसका पता चलता है, तब तक दिल की धमनियाँ पहले ही काफी खराब हो चुकी होती हैं, जिससे अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


धूम्रपान और शराब का बढ़ता सेवन

धूम्रपान, वेपिंग और शराब का सेवन युवाओं में बड़े जोखिम कारक बन गए हैं। ये आदतें न केवल रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाती हैं, बल्कि दिल की धड़कन को भी असामान्य कर सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।


स्वास्थ्य देखभाल की अनदेखी

30 और 40 की उम्र में अधिकांश लोग खुद को स्वस्थ मानते हैं और नियमित स्वास्थ्य जांच को नजरअंदाज करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, या उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याएँ समय पर पता नहीं चल पातीं।


बचाव के उपाय

विशेषज्ञों का मानना है कि वायु गुणवत्ता में सुधार, सक्रिय जीवनशैली अपनाना, तनाव प्रबंधन, संतुलित और पौष्टिक आहार लेना, और नियमित कार्डियक स्क्रीनिंग इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक हैं। दिल की सेहत के प्रति प्रारंभिक जागरूकता युवाओं को इस बढ़ते जोखिम से बचा सकती है।