वर्कआउट के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
वर्कआउट का महत्व
रोज़ाना शारीरिक गतिविधि या वर्कआउट हर व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक स्थिति में भी सुधार लाता है। इससे ऊर्जा में वृद्धि, वजन नियंत्रण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। हालांकि, कई लोग वर्कआउट के दौरान ब्लैकआउट जैसी समस्याओं का सामना करते हैं। यह समस्या वर्कआउट के कारण नहीं, बल्कि कुछ महत्वपूर्ण बातों की अनदेखी के कारण होती है। इस विषय पर हमने तीन प्रसिद्ध फिटनेस कोच से चर्चा की है कि एक प्रभावी वर्कआउट सत्र का समय और सावधानियाँ क्या होनी चाहिए।
वर्कआउट की सही विधि
योगेश भटेजा, जो सोनू सूद के व्यक्तिगत कोच हैं, ने बताया कि आजकल युवा सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति की सलाह पर वर्कआउट और डाइट का पालन करने लगते हैं, जो गलत है। उन्होंने कहा कि एक युवक का शरीर डिहाइड्रेटेड हो सकता है और उसे पहले से कुछ स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, हमेशा किसी विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही वर्कआउट करें। अपनी क्षमता को समझकर ही व्यायाम शुरू करें, अन्यथा भविष्य में समस्याएँ हो सकती हैं।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि आपका शरीर पर्याप्त आराम करे और हाइड्रेटेड रहे। वर्कआउट से पहले विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षण जैसे LFT, KFT, TFT, लिपिड प्रोफाइल, ECG और यूरिन कल्चर करवाना आवश्यक है। यह जानकारी आपके कोच को सही वर्कआउट रूटीन तैयार करने में मदद करेगी।
वर्कआउट के दौरान सावधानियाँ
समीर जौरा, जो कई सितारों के कोच रह चुके हैं, ने कहा कि सही तरीके से किया गया वर्कआउट बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। आजकल लोग घंटों तक वर्कआउट करते हैं और आराम नहीं करते, जिससे मांसपेशियों को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए, बिना प्रमाणित कोच की सलाह के वर्कआउट नहीं करना चाहिए।
प्रसाद नंदकुमार शिर्के ने बताया कि पूरे दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है। वर्कआउट की तीव्रता हर व्यक्ति के लिए अलग होती है, इसलिए अपनी हृदय गति पर ध्यान दें। एक सामान्य व्यक्ति के लिए 45 मिनट का वर्कआउट पर्याप्त है, लेकिन एथलीटों को विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में व्यायाम करना चाहिए।