घर पर प्राकृतिक कीटनाशक बनाने की अग्नि-अस्त्र विधि
किसानों के लिए अग्नि-अस्त्र पद्धति का महत्व
किसानों को आत्मनिर्भर और टिकाऊ खेती की दिशा में आगे बढ़ाने में अग्नि-अस्त्र पद्धति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। रासायनिक कीटनाशकों पर बढ़ती निर्भरता के कारण किसानों की लागत में वृद्धि हो रही है, साथ ही मिट्टी, जल और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है। ऐसे में, कई किसान अब प्राकृतिक विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। भारत के विभिन्न हिस्सों में किसान अग्नि-अस्त्र विधि का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वे अपने खेतों के लिए घरेलू संसाधनों से प्राकृतिक कीटनाशक तैयार कर सकते हैं। यह विधि न केवल किफायती है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
अग्नि-अस्त्र के लिए आवश्यक सामग्री
- नीम के पत्ते 1.25 किलो
- हरी मिर्च 0.600 किलो
- लहसुन 0.600 किलो
- तंबाकू 0.250 किलो
- गोमूत्र 5 लीटर
कीटनाशक बनाने की प्रक्रिया
- अग्नि-अस्त्र विधि से कीटनाशक तैयार करना सरल है। सबसे पहले, एक बड़े बर्तन में 5 लीटर गोमूत्र डालें और उसमें 1.25 किलो नीम के पत्ते मिलाएं।
- इसके बाद, 600-600 ग्राम हरी मिर्च और लहसुन डालें। अंत में, 250 ग्राम तंबाकू मिलाएं और इस मिश्रण को गैस पर 3-4 बार अच्छी तरह उबालें।
- उबालने के बाद, मिश्रण को 48 घंटे के लिए ठंडा होने दें और फिर छान लें। छानने के बाद, यह घोल उपयोग के लिए तैयार हो जाता है। खेत में उपयोग करते समय, इस घोल का 2-3% पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
अग्नि-अस्त्र कीटनाशक के लाभ
किसानों का कहना है कि अग्नि-अस्त्र से बने कीटनाशक के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है कि रासायनिक कीटनाशकों पर होने वाला खर्च काफी कम हो जाता है। इसके अलावा, फसलों पर हानिकारक रसायनों का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे पैदावार की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके उपयोग से मिट्टी की सेहत भी बेहतर होती है और खेत में प्राकृतिक सूक्ष्मजीवों का संतुलन बना रहता है।