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जानवरों के काटने से बचने के उपाय और प्राथमिक उपचार

जानवरों के काटने की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जिससे गंभीर संक्रमण और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में जानिए कि यदि आपको किसी जानवर ने काट लिया है, तो आपको क्या करना चाहिए। जानवरों के काटने के मामलों में प्राथमिक उपचार के उपायों के साथ-साथ विभिन्न जानवरों के काटने के प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यह जानकारी आपको सुरक्षित रखने में मदद करेगी।
 

जानवरों के काटने की घटनाएँ


हाल के दिनों में, पालतू और आवारा कुत्तों द्वारा लोगों के काटने की घटनाएँ बढ़ी हैं, जिससे कई बार जानलेवा परिणाम भी सामने आए हैं। जानवरों के काटने से न केवल शारीरिक दर्द होता है, बल्कि यह गंभीर संक्रमण और मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हमारे आस-पास कई जानवर और पक्षी होते हैं, जैसे गाय, भैंस, घोड़ा, ऊँट, बकरी, चूहा, छिपकली, कौआ, तोता, बिल्ली, और खरगोश। कुछ लोग इन्हें पालतू बनाते हैं, जबकि अन्य इन्हें व्यवसायिक रूप से रखते हैं। कभी-कभी, काटने या खरोंच से होने वाले घाव गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।


जानवरों के मुँह से निकलने वाले बैक्टीरिया और कीटाणु जब इंसान के शरीर में प्रवेश करते हैं, तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। जानवर के काटने पर आवश्यक देखभाल उस जानवर की प्रजाति और काटने की गहराई पर निर्भर करती है। आइए जानते हैं कि अगर आपको किसी जानवर या पक्षी ने काट लिया है, तो आपको क्या करना चाहिए ताकि इसके प्रभाव को कम किया जा सके।


पक्षियों के काटने से बचाव

वीसीए एनिमल हॉस्पिटल के अनुसार, पक्षी तब काटते हैं जब वे तनाव में होते हैं या खतरा महसूस करते हैं। ऐसे में, उनके स्वभाव को समझना आवश्यक है। यदि कोई पक्षी अपनी आँखें चमकाता है और पुतलियों को सिकोड़ता है, तो यह संकेत है कि वह उत्तेजित हो सकता है।


मेयो क्लिनिक के अनुसार, नए व्यक्तियों के पास आने पर पक्षी अति-उत्तेजित हो सकते हैं और काटने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, जानवर के मुँह पर थूथन लगाने से काटने की घटनाओं को रोका जा सकता है।


कुत्तों के काटने के मामले

कुत्ता


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कुत्तों के काटने की घटनाओं का कोई सटीक आंकड़ा नहीं है, लेकिन हर साल करोड़ों लोग इससे प्रभावित होते हैं। अमेरिका में हर साल लगभग 45 लाख लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं। भारत में, कुत्तों के काटने के मामलों की संख्या 2024 में 37.17 लाख तक पहुँच गई है।


अगर किसी को कुत्ते ने काट लिया है, तो सबसे पहले घाव को 15 मिनट तक साबुन और पानी से धोना चाहिए। इसके बाद, एंटीबैक्टीरियल पट्टी लगाकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


बिल्ली के काटने के प्रभाव

बिल्ली


न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के अनुसार, बिल्ली के काटने से होने वाले घावों में लगभग 75% में पास्चरेला बैक्टीरिया पाया जाता है। यदि बिल्ली काटती है, तो घाव को तुरंत पानी से धोकर एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।


अन्य जानवरों के काटने के मामले

चूहा


चूहे आमतौर पर तब काटते हैं जब उन्हें खतरा महसूस होता है। चूहों के काटने से बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण का खतरा होता है।


छिपकली


छिपकली आमतौर पर इंसानों से डरती हैं, लेकिन यदि कोई ज़हरीली छिपकली काटती है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।


तोता


तोते के काटने से मामूली से गंभीर चोटें लग सकती हैं। यदि तोते के काटने से लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से संपर्क करें।


बंदर


बंदर के काटने पर भी तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।


गाय या बकरी


गाय या बकरी के काटने पर घाव को तुरंत धोकर एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए।


भैंस


भैंस के काटने पर भी प्राथमिक उपचार वही रहेगा।


घोड़ा


घोड़े के काटने पर घाव को तुरंत धोकर एंटीसेप्टिक लगाना चाहिए।