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स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के नियम और महत्व

हर साल 15 अगस्त को भारत स्वतंत्रता दिवस मनाता है, जो देश के लिए गर्व का दिन है। इस दिन तिरंगा फहराने के लिए कुछ निश्चित नियम और प्रोटोकॉल हैं, जिनका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। जानें तिरंगा फहराने का सही तरीका, क्या करें और क्या न करें। इस लेख में हम तिरंगे के महत्व और उसके सम्मान के साथ फहराने के नियमों पर चर्चा करेंगे।
 

तिरंगे का महत्व और स्वतंत्रता दिवस

नई दिल्ली, हर साल 15 अगस्त को भारत अपने स्वतंत्रता दिवस को गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। यह दिन उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का अवसर है, जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाने के लिए संघर्ष किया। 15 अगस्त 1947 को लगभग 200 वर्षों की ब्रिटिश उपनिवेशवाद का अंत हुआ और भारत ने एक लोकतांत्रिक, संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। इस दिन देशभर में तिरंगा फहराने, राष्ट्रगान गाने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और देशभक्ति के आयोजनों की परंपरा रही है। इस विशेष अवसर पर घरों, स्कूलों, सरकारी संस्थानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से लेकर गली-मोहल्लों तक तिरंगा लहराता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगा फहराने के लिए कुछ निश्चित नियम और प्रोटोकॉल हैं, जिनका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है?


तिरंगा फहराने का समय और तरीका

तिरंगा फहराने का समय और तरीका

पारंपरिक रूप से, राष्ट्रीय ध्वज को सूर्योदय के समय फहराया जाता है और सूर्यास्त के समय उतारा जाता है। हालांकि, 2022 में भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) में संशोधन के बाद अब तिरंगे को रात में भी फहराया जा सकता है, बशर्ते कि वह ठीक से रोशनी में दिखाई दे।
स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा "होइस्ट" यानी नीचे से ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है, जो 1947 में औपनिवेशिक शासन पर भारत की जीत का प्रतीक है।


तिरंगा फहराने के दौरान करने योग्य बातें

तिरंगा फहराने के दौरान करने योग्य बातें

  1. सम्मानपूर्वक फहराना – ध्वज को तेज़ी से फहराएं और धीरे-धीरे तथा सम्मान के साथ उतारें।

  2. सही रंग व्यवस्था – तिरंगे को हमेशा केसरिया रंग ऊपर की ओर रखें।

  3. प्रमुख स्थान पर लगाना – तिरंगे को ऐसे स्थान पर फहराएं जहां उसकी गरिमा बनी रहे और कोई अन्य ध्वज या वस्तु उसे ढक न सके।

  4. क्षैतिज व लंबवत प्रदर्शन – क्षैतिज स्थिति में केसरिया पट्टी ऊपर और लंबवत स्थिति में दर्शक की बाईं ओर होनी चाहिए।

  5. स्वच्छ व अखंड ध्वज – तिरंगा साफ, बिना फटा और बिना रंग फीका हुए होना चाहिए।

  6. निर्माण सामग्री – तिरंगा हाथ से बुने या मशीन से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊन या रेशम के खादी बंटिंग से बन सकता है।

  7. सभी दिनों में फहराना – संशोधित ध्वज संहिता 2002 के अनुसार, तिरंगा किसी भी दिन, यहां तक कि रविवार और छुट्टियों पर भी निजी संस्थाएं, स्कूल और व्यक्ति फहरा सकते हैं।

  8. रात में फहराना – रात में तिरंगा तभी फहराएं जब वह उचित रोशनी में स्पष्ट दिखाई दे।

  9. अनुपात बनाए रखना – तिरंगे का अनुपात 3:2 (लंबाई:चौड़ाई) होना चाहिए।

  10. समारोह में उपयोग – किसी मूर्ति या स्मारक के अनावरण में तिरंगे का प्रयोग किया जा सकता है, परंतु वह ज़मीन या फर्श को न छुए।

  11. सम्मानजनक निपटान – यदि तिरंगा फट गया हो या गंदा हो जाए तो उसे निजी तौर पर जलाकर या सम्मानजनक तरीके से नष्ट करें।


तिरंगा फहराने के दौरान न करने योग्य बातें

तिरंगा फहराने के दौरान न करने योग्य बातें 

  1. अपमानजनक प्रयोग नहीं – तिरंगे को किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झुकाना (Dip) मना है।

  2. उल्टा न फहराएं – केसरिया पट्टी नीचे रखने या ध्वज को उल्टा फहराना असम्मानजनक है।

  3. ज़मीन या पानी से संपर्क नहीं – तिरंगा कभी भी जमीन, फर्श या पानी को नहीं छूना चाहिए।

  4. व्यावसायिक उपयोग वर्जित – तिरंगे का उपयोग कपड़े, कुशन, नैपकिन जैसे वस्तुओं पर नहीं किया जा सकता, सिवाय अनुमत विशेष अवसरों (जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में कागज़ी झंडे) के।

  5. ढकने के लिए उपयोग नहीं – तिरंगे का प्रयोग भवन, वाहन या मंच को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता, सिवाय राज्य या सैन्य अंतिम संस्कार में।

  6. प्रमुखता कम नहीं करना – तिरंगे को किसी अन्य ध्वज के नीचे या बराबर ऐसे स्थान पर न लगाएं जिससे उसकी प्रमुखता कम हो।

  7. लेखन या डिज़ाइन नहीं – तिरंगे पर कोई लेख, चित्र, या अन्य डिज़ाइन नहीं होना चाहिए।

  8. अनुचित वस्त्र प्रयोग – तिरंगे या उसके डिज़ाइन का उपयोग कमर से नीचे के कपड़ों, वर्दियों या सजावट में न करें, हालांकि तिरंगे के प्रतीक या पिन सम्मानपूर्वक पहने जा सकते हैं।

  9. सार्वजनिक रूप से नष्ट करना अपराध – तिरंगे को जानबूझकर फाड़ना, जलाना या क्षति पहुँचाना, राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत अपराध है।

  10. गलत भंडारण नहीं – तिरंगे को गंदगी या नुकसान पहुंचाने वाली जगह पर न रखें।


निजी नागरिक भी फहरा सकते हैं तिरंगा

निजी नागरिक भी फहरा सकते हैं तिरंगा

2002 में ध्वज संहिता में संशोधन के बाद अब कोई भी नागरिक, संस्था या संगठन अपने घर, दफ़्तर या फैक्ट्री में तिरंगा फहरा सकता है, बशर्ते उपरोक्त नियमों का पालन किया जाए।


कानूनी प्रावधान और सज़ा

कानूनी प्रावधान और सज़ा

यदि कोई व्यक्ति भारतीय ध्वज संहिता या राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 का उल्लंघन करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद, जुर्माना, या दोनों की सज़ा हो सकती है। स्वतंत्रता दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि देश की अस्मिता, एकता और बलिदान का प्रतीक है। तिरंगे को सही तरीके से फहराना और उसका सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। आइए, 15 अगस्त 2025 को हम सब मिलकर तिरंगे को उसके पूरे गौरव के साथ फहराएं और अपने देश के प्रति निष्ठा का संकल्प लें।