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अंबाला में वायु प्रदूषण और ठंड का बढ़ता प्रभाव

अंबाला में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है। हाल ही में एक्यूआई 277 तक पहुंच गया है, जिससे अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याओं में वृद्धि हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, 18 नवंबर तक मौसम खुश्क रहने की संभावना है, जिससे ठंड में इजाफा होगा। इस स्थिति ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। जानें इस मौसम में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए क्या करें।
 

अंबाला में वायु गुणवत्ता की चिंताजनक स्थिति

अंबाला (Ambala AQI Today): वायु प्रदूषण के कारण स्थानीय निवासियों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 259 था, जो कुछ ही घंटों में बढ़कर 277 तक पहुंच गया। यह स्तर हवा की अत्यधिक खराब स्थिति को दर्शाता है, जिसमें पीएम 2.5 की मात्रा भी अधिक है।


इसका मतलब है कि अंबाला के लोग हर सांस के साथ छोटे प्रदूषण कणों को अपने शरीर में ले रहे हैं। इस स्थिति ने अस्पतालों में अस्थमा के मरीजों की संख्या में वृद्धि कर दी है।


सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में ऐसे मरीज दम फूलने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। शनिवार को दिन का तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस और रात का तापमान 11.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।


18 नवंबर तक मौसम रहेगा खुश्क

18 नवंबर तक मौसम खुश्क


चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में मौसम सामान्यतः 18 नवंबर तक खुश्क रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चल सकती हैं।


इससे सुबह और शाम को हल्की ठंड महसूस हो सकती है। दिन के तापमान में थोड़ी वृद्धि और रात के तापमान में हल्की गिरावट की संभावना है। अधिकतम तापमान 25 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है।


ठंड से मरीजों की संख्या में वृद्धि

ठंड बढ़ने से मरीजों का ओपीडी में इजाफा


कंसलटेंट फिजिशियन और आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीएस गोयल ने बताया कि मौसम में बदलाव और ठंड के बढ़ने से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसमें कफ, सर्दी, अस्थमा, निमोनिया और एलर्जी के मरीज शामिल हैं। ठंड के कारण हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक और पैरालिसिस के मामले भी बढ़ रहे हैं।


ठंड लगने से निमोनिया, गला खराब, जुकाम, खांसी और इन्फ्लुएंजा के मामले भी सामने आ रहे हैं। वहीं, उल्टी, दस्त और पेट के संक्रमण के मामलों में कमी आई है।


इस समय प्रदूषण और मौसम परिवर्तन के कारण बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।


कमरों को गर्म रखें, जंक फूड से बचें और ताजा भोजन करें। बुजुर्गों को देरी से उठकर सैर पर जाना चाहिए और देरी से स्नान करना चाहिए।