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अधिक शराब पीने से दिमागी स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव: अध्ययन के निष्कर्ष

एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि नियमित रूप से अधिक शराब पीने से दिमाग पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। शोध से पता चला है कि सप्ताह में तीन बार या उससे अधिक शराब का सेवन करने वालों में स्ट्रोक और ब्रेन ब्लीडिंग का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह स्थिति डिमेंशिया जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब का सेवन छोड़ने से इन खतरों को कम किया जा सकता है। जानें इस अध्ययन के अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष और विशेषज्ञों की सलाह।
 

शराब के सेवन का दिमाग पर प्रभाव


हाल ही में किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह बात सामने आई है कि नियमित रूप से अधिक मात्रा में शराब का सेवन दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। शोध में पाया गया है कि जो लोग सप्ताह में तीन बार या उससे अधिक शराब पीते हैं, उनमें ब्रेन ब्लीडिंग, जिसे इंट्रासेरेब्रल हेमरेज कहा जाता है, और स्ट्रोक का खतरा 70 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।


स्ट्रोक का समय से पहले आना

अधिक शराब पीने वाले व्यक्तियों में स्ट्रोक औसतन 11 वर्ष पहले होता है। अध्ययन ने यह भी बताया कि इससे भविष्य में डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ सकता है।


जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, शराब की आदत दिमाग की सेहत को तेजी से नुकसान पहुंचा सकती है। शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि जो लोग लगातार अधिक शराब का सेवन करते हैं, उनमें स्ट्रोक, ब्रेन ब्लीड और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा काफी अधिक होता है।


कम उम्र में स्ट्रोक का खतरा

अध्ययन के अनुसार, भारी शराब पीने वालों में औसतन 64 वर्ष की आयु में स्ट्रोक का खतरा देखा गया, जबकि सामान्य जनसंख्या में यह औसतन 75 वर्ष में होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि सप्ताह में तीन या अधिक बार शराब पीने से मस्तिष्क के भीतर रक्तस्राव का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है, जो जानलेवा हो सकता है और दिमागी कार्यप्रणाली को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है।


दिमागी कोशिकाओं पर प्रभाव

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अत्यधिक शराब पीने वालों में दिमाग की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिसे सेरेब्रल स्मॉल वेसल डिजीज कहा जाता है। यह स्थिति आगे चलकर याददाश्त में कमी और डिमेंशिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। इन व्यक्तियों में स्ट्रोक के बाद ठीक होने की संभावना भी कम होती है।


स्वास्थ्य जटिलताएं

अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में, जो भारी मात्रा में शराब का सेवन करते थे, उनमें उच्च रक्तचाप और प्लेटलेट्स की कमी पाई गई। ये दोनों स्थितियां स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती हैं और मरीज की रिकवरी को धीमा कर देती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शराब शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर करती है।


अध्ययन की सीमाएं और निष्कर्ष

शोधकर्ताओं ने स्वीकार किया कि अध्ययन एक निश्चित समयावधि पर आधारित था और प्रतिभागियों ने अपने शराब सेवन की सटीक मात्रा नहीं बताई होगी। फिर भी, निष्कर्ष यह स्पष्ट करते हैं कि अधिक शराब दिमागी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।


विशेषज्ञों की सलाह

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एडिप ग्यूरोल ने कहा कि शराब का सेवन छोड़ना स्ट्रोक और संज्ञानात्मक क्षति के जोखिम को कम कर सकता है। उन्होंने सलाह दी कि "थोड़ी सी कमी भी लंबे समय में आपके दिमाग और शरीर को स्वस्थ रख सकती है।"