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उत्तर प्रदेश में 'ड्राइविंग माय ड्रीम्स' कार्यक्रम का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग ने 'ड्राइविंग माय ड्रीम्स' कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसमें महिलाओं और बालिकाओं को मुफ्त ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल अंतर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह के अवसर पर आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, और उन्हें ट्रैफिक नियमों के साथ-साथ वाहन चलाने की तकनीकें सिखाई गईं। इसके अलावा, आत्मरक्षा कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को सुरक्षा के अधिकारों और तकनीकों के बारे में जागरूक किया जा सके।
 

महिला एवं बाल विकास विभाग की नई पहल


उत्तर प्रदेश समाचार: महिला एवं बाल विकास विभाग ने शुक्रवार को 'ड्राइविंग माय ड्रीम्स' कार्यक्रम की शुरुआत की, जो मिशन शक्ति 5.0 का हिस्सा है। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह की थीम पर आधारित है, जिसमें हर जिले में 100-100 महिलाओं और बालिकाओं को मुफ्त ड्राइविंग प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अभियान एक महीने तक चलेगा, जिससे हजारों महिलाएं और बेटियां आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त करेंगी।


ग्रामीण बेटियों की भागीदारी

ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों ने उत्साह से भाग लिया

इस कार्यक्रम में डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की छात्राओं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रशिक्षकों ने उन्हें ट्रैफिक नियमों और वाहन चलाने की तकनीकें सिखाईं। पहली बार स्टीयरिंग थामते ही बेटियों के चेहरे पर आत्मविश्वास की चमक देखने को मिली। प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागियों को ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान किया जाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। विभाग 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस को धूमधाम से मनाने की योजना बना रहा है।


90 दिवसीय विशेष अभियान का हिस्सा

यह पहल 90 दिवसीय विशेष अभियान का हिस्सा है

महिला एवं बाल विकास विभाग ने अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर 2025) के अवसर पर सभी जिलों में 'आत्म रक्षा कार्यशाला' का आयोजन किया है। विभाग के अनुसार, यह पहल 90 दिवसीय विशेष अभियान का हिस्सा है। कार्यशाला का उद्देश्य बालिकाओं को स्वरक्षा तकनीकों, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूक करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहा 'मिशन शक्ति-पांच' अभियान प्रदेश में नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को नई दिशा प्रदान कर रहा है।


आत्मरक्षा कार्यशाला का महत्व

'मिशन शक्ति 5.0' के तहत आयोजित आत्मरक्षा कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बालिकाओं और महिलाओं को सिखाया कि किसी प्रतिकूल स्थिति में चुप न रहें, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए साहसपूर्वक कदम उठाएं और सरकारी व सामाजिक सहायता तंत्र का उपयोग करें। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह के तहत यह अभियान बालिकाओं की सुरक्षा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण

लीना जौहरी ने कहा कि 'आत्म रक्षा कार्यशाला' से जुड़ी जानकारी हर लड़की के लिए उतनी ही जरूरी है, जितनी शिक्षा। यह पहल न केवल बालिकाओं की व्यक्तिगत सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, बल्कि प्रदेशभर में महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित एवं समावेशी वातावरण के निर्माण को भी गति देगी।


सुरक्षा अधिकारों की जानकारी

मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत जिले, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर आयोजित कार्यशालाओं में बालिकाओं और महिलाओं को उनकी सुरक्षा से जुड़े अधिकारों और कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी गई। स्कूलों में विशेष सत्रों के दौरान विशेषज्ञों ने छात्राओं को यह सिखाया कि विभिन्न सामाजिक और व्यक्तिगत परिस्थितियों में स्वयं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।