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एयर इंडिया ने अहमदाबाद विमान हादसे में मुआवजे की घोषणा की

एयर इंडिया ने अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने की घोषणा की है। यह राशि पहले से घोषित मुआवजे के अतिरिक्त होगी। एयर इंडिया के सीईओ ने पीड़ित परिवारों के लिए समर्थन और गोपनीयता की अपील की है। हादसे की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

एयर इंडिया का मुआवजा पैकेज

टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने शनिवार को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों और एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति के लिए 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने की घोषणा की है। यह राशि पहले से घोषित 1-1 करोड़ रुपये के मुआवजे के अतिरिक्त होगी और इसे तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान किया जाएगा।


एयर इंडिया के सीईओ का बयान

क्या बोले एयर इंडिया के सीईओ

एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने कहा, "हम अहमदाबाद में तब तक रहेंगे जब तक आवश्यक होगा। मृतकों के परिवारों और जीवित बचे व्यक्ति को 25 लाख रुपये का अंतरिम भुगतान किया जाएगा।"


परिवारों के लिए समर्थन

परिवारों को समर्थन और गोपनीयता की अपील

विल्सन ने बताया कि एयर इंडिया की टीमें अधिकारियों के साथ मिलकर पीड़ित परिवारों के पुनर्मिलन में सहायता कर रही हैं। उन्होंने इस कठिन समय में परिवारों को गोपनीयता और स्थान देने की अपील की। इसके साथ ही, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के निर्देशानुसार, एयर इंडिया अपने बोइंग 787 विमानों की सुरक्षा जांच कर रही है।


हादसे की जांच

हादसे की जांच और मृतकों की संख्या

विमान का डेटा रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है और इसे आधिकारिक जांच में शामिल किया जाएगा। एयर इंडिया ने एक पोस्ट में कहा, "हम उन यात्रियों के परिवारों के साथ खड़े हैं, जिन्होंने इस त्रासदी में अपनी जान गंवाई। हमारी टीमें इस कठिन समय में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं।"

12 जून को लंदन जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 270 हो गई, जिसमें 242 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल हैं, जबकि केवल एक व्यक्ति जीवित बचा। जमीन पर 29 लोग, जिनमें पांच एमबीबीएस छात्र भी शामिल थे, मारे गए।


सरकारी कदम

जांच और सरकारी कदम

फोरेंसिक टीमें और उड्डयन विशेषज्ञ मलबे की जांच कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस आपदा के कारणों की जांच के लिए केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय, बहु-विषयक समिति का गठन किया है।