कमर दर्द की समस्या: जेनरेशन Z में बढ़ती चिंता
कमर दर्द का बढ़ता प्रकोप
कमर दर्द एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर बुजुर्गों में देखी जाती है, लेकिन अब यह जेनरेशन Z के युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। छात्रों से लेकर युवा पेशेवरों तक, कई लोग अक्सर कमर, कंधे और गर्दन में दर्द का अनुभव कर रहे हैं। यह चिंता का विषय है कि यह समस्या इस पीढ़ी में गंभीर रूप ले रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना, गलत मुद्रा में रहना और तनाव का बढ़ता स्तर इस दर्द का मुख्य कारण बन रहा है। मणिपाल हॉस्पिटल बैंगलोर के स्पाइन केयर कंसल्टेंट डॉ. अजय कुमार इस विषय पर क्या कहते हैं, आइए जानते हैं।
स्क्रीन टाइम और खराब दिनचर्या
डॉ. अजय कुमार एसपी के अनुसार, जेनरेशन Z की खराब दिनचर्या भी कमर दर्द का एक महत्वपूर्ण कारण है। यह पीढ़ी सोशल नेटवर्किंग, काम या पढ़ाई के लिए घंटों तक स्क्रीन के सामने बिताती है। इसके अलावा, व्यायाम की कमी से कोर मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है, जिससे कमर दर्द और खराब मुद्रा की समस्या बढ़ जाती है। जब वे व्यायाम करते हैं, तो अक्सर या तो बहुत कम, बहुत देर से या गलत तरीके से करते हैं, जिससे और भी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
कमर दर्द का एक अन्य कारण है खराब मुद्रा। घंटों तक इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग करने की आदत से "टेक्स्ट नेक" जैसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे गर्दन में अकड़न और दर्द होता है। डॉ. अजय कुमार ने बताया कि शारीरिक गतिविधियों के दौरान बिना सोचे-समझे वजन उठाने की आदत भी रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है।
तनाव और पीठ दर्द का संबंध
तनाव भी पीठ दर्द का एक प्रमुख कारण बन सकता है, क्योंकि चिंता और अवसाद जेनरेशन Z में आम मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं। डॉ. अजय कुमार एसपी के अनुसार, पुराना तनाव मांसपेशियों को प्रभावित करता है, विशेषकर गर्दन और पीठ में, जिससे बेचैनी और दर्द होता है। ध्यान और योग जैसी तकनीकें तनाव और दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर समस्या की पहचान की जाए, तो इससे अधिक नुकसान से बचा जा सकता है। जेनरेशन Z को तनाव को कम करने, नियमित व्यायाम करने और सही मुद्रा में बैठने की सलाह दी जाती है। एक स्वस्थ और संतुलित आहार, अच्छी नींद और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लेना भी महत्वपूर्ण है। इससे न केवल पीठ दर्द में राहत मिलेगी, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकेगा।