कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवा पर बैन: उबर और ओला ने बंद की सेवाएं, रैपिडो की स्थिति अनिश्चित
कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवा का निलंबन
Karnataka Bike Taxi Ban : कर्नाटक उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बाद, उबर और ओला ने सोमवार को अपने ऐप्स से बाइक टैक्सी सेवाओं को हटा दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने इन सेवाओं को फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी है, और राज्य सरकार को इसके संचालन का निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। इसके परिणामस्वरूप, दोनों कंपनियों ने तुरंत अपनी सेवाएं बंद कर दीं।
रैपिडो की स्थिति अभी भी अनिश्चित
हालांकि, रैपिडो अब भी "बाइक डायरेक्ट" नाम से अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है, लेकिन इसकी कानूनी स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। अदालत के फैसले के बाद भी कंपनी के संचालन को लेकर भ्रम बना हुआ है।
यात्रियों को हुई कठिनाई, बढ़ा आवागमन का खर्च
बेंगलुरु में बाइक टैक्सी हजारों दैनिक यात्रियों के लिए एक सस्ती और तेज़ परिवहन विकल्प बन गई थी, जो ट्रैफिक और सार्वजनिक परिवहन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए राहत का साधन थी। लेकिन अब इन सेवाओं के बंद होने से छात्रों, कामकाजी लोगों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए आवागमन महंगा और कठिन हो गया है।
कानूनी असमंजस और स्थायी नीति की आवश्यकता
यह संकट इस वर्ष की शुरुआत में शुरू हुआ जब अदालत ने इन सेवाओं को नियामक ढांचे के अभाव में अवैध करार दिया। जून में भी अदालत ने अपने पुराने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। 20 अगस्त को अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या वह बाइक टैक्सियों के लिए कोई स्पष्ट नीति बनाएगी। लेकिन जब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिलते, कंपनियों ने अपनी सेवाएं रोक दीं।
ड्राइवरों की आजीविका पर संकट
इन नीतिगत अस्थिरताओं के बीच, बाइक टैक्सी चालक सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। कर्नाटक बाइक टैक्सी वेलफेयर एसोसिएशन ने नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और बताया कि सेवाओं के निलंबन से छह लाख से अधिक परिवारों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ गया है। उन्होंने इसे "आजीविका का संकट" करार दिया, विशेषकर युवाओं के लिए जो इस सेवा पर पूरी तरह निर्भर हैं।