कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री सेहत योजना पर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री सेहत योजना पर उठे गंभीर सवाल
चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने पंजाब सरकार की मुख्यमंत्री सेहत योजना का स्वागत करते हुए इसके संबंध में कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि राज्य के 3 करोड़ नागरिकों का स्वास्थ्य बीमा कैसे होगा और इसके लिए धन का स्रोत क्या होगा। सरकार ने बजट में इस योजना के लिए जो प्रावधान किया है, उसकी किस्तें कैसे और कहां से दी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि क्या पंजाब के लोग अन्य मुफ्त योजनाओं की तरह इस योजना से भी धोखा खा रहे हैं या वास्तव में उन्हें इसका लाभ मिलेगा। पहले भी सरबत दा भला सेहत योजना का लाभ लोगों को नहीं मिला था।
सरकार की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। पंजाब पर लाखों करोड़ रुपये का कर्ज है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकारी बुनियादी ढांचा भी खस्ताहाल हो चुका है। पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की बसों में महिलाओं के मुफ्त सफर का 11-12 सौ करोड़ रुपये बकाया है। पनबस और पीआरटीसी के पास सरकारी बसों की संख्या 3 हजार से कम है, जबकि राज्य को 10 हजार बसों की आवश्यकता है।
परगट सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार अब राज्य की सरकारी जमीनों को बेचकर अपने खर्चों को पूरा करने की योजना बना रही है। सरकार ने पटियाला में प्रिंट प्रैस कॉलोनी की 8 एकड़, प्रिंट प्रैस साइट की 10 एकड़, लुधियाना के पशु चिकित्सालय की 2.27 एकड़, तरनतारन की 89 एकड़ चीनी मिल और गुरदासपुर की 1.75 एकड़ पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस की जमीन बेचने का निर्णय लिया है। ऐसे में मुफ्त सुविधाएं देना कितना उचित है।
परगट सिंह ने 11 लाख लाभार्थियों की कटौती पर आम आदमी पार्टी सरकार की सहमति की निंदा की है। उन्होंने इसे राज्य के गरीब नागरिकों के साथ एक शर्मनाक धोखा बताया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मुफ्त राशन योजना से 11 लाख लाभार्थियों की कटौती करके आप सरकार ने केंद्र में भाजपा सरकार के दबाव के आगे झुक गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों से वादा किया था कि किसी का राशन कार्ड नहीं कटेगा। अब उन्होंने भाजपा के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह कदम निंदनीय है और इससे आप सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच मिलीभगत स्पष्ट होती है।