केंद्र सरकार ने खोले 57 नए केंद्रीय विद्यालय: शिक्षा में नया अध्याय
केंद्रीय विद्यालयों की संख्या में वृद्धि
केंद्र सरकार ने देशभर में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोले जाएंगे। इन विद्यालयों की स्थापना पर कुल 5,862.55 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें लगभग 2,585.52 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय और 3,277.03 करोड़ रुपये परिचालन व्यय के रूप में शामिल हैं।
नए विद्यालयों का वितरण
इन 57 नए विद्यालयों में से 20 ऐसे जिलों में खोले जाएंगे जहां केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या अधिक है, लेकिन अब तक कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं था। इसके अलावा, 14 विद्यालय आकांक्षी जिलों में, 4 विद्यालय वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में और 5 विद्यालय पूर्वोत्तर या पहाड़ी क्षेत्रों में खोले जाने की योजना है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर 2024 में स्वीकृत 85 केंद्रीय विद्यालयों के बाद, नए विद्यालय उन्हीं राज्यों को प्राथमिकता देते हुए मंजूरी दी गई है, जिन्हें मार्च 2019 से इस योजना में शामिल नहीं किया गया था।
केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार
केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार एक सतत प्रक्रिया
विज्ञप्ति में बताया गया है कि केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार एक निरंतर प्रक्रिया है। मंत्रालय और केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) नए स्कूल खोलने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से नियमित रूप से प्रस्ताव प्राप्त करते हैं। ये प्रस्ताव संबंधित प्रायोजक प्राधिकरणों द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं।
मुख्य बिंदु
मुख्य बिंदु
कुल नए विद्यालय: 57
कुल बजट: 5,862.55 करोड़ रुपये (2026-27 तक, 9 वर्षों में)
अनुमानित छात्र लाभ: 86,640
रोजगार: 4,617 प्रत्यक्ष स्थायी नौकरियां + निर्माण एवं संबद्ध गतिविधियों से अतिरिक्त अवसर
समावेशिता: आकांक्षी जिलों, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, पूर्वोत्तर/पहाड़ी क्षेत्रों और ऐसे जिलों में जहां कोई केंद्रीय विद्यालय नहीं है
बालवाटिका: पहली बार सभी 57 विद्यालयों में 3 वर्ष की आधारभूत शिक्षा शामिल होगी
शिक्षा और रोजगार का नया अवसर
नए केंद्रीय विद्यालय न केवल शिक्षा के अवसर बढ़ाएंगे बल्कि रोजगार सृजन में भी मदद करेंगे। एक पूर्ण केंद्रीय विद्यालय (बालवाटिका से कक्षा 12 तक) 81 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। 57 नए विद्यालयों से कुल 4,617 प्रत्यक्ष स्थायी नौकरियां पैदा होंगी।
वर्तमान में भारत में 1,288 केंद्रीय विद्यालय कार्यरत हैं, जिनमें मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में तीन विदेश स्थित स्कूल भी शामिल हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कुल 913 केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में नामित किया गया है। इस पहल से देशभर में केंद्रीय विद्यालयों की पहुंच बढ़ेगी और बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराई जा सकेगी।