×

कैसे बनें प्रभावी लीडर: पॉपकॉर्न कोचिंग के टिप्स

क्या आप एक प्रभावी लीडर बनना चाहते हैं? पॉपकॉर्न कोचिंग के माध्यम से जानें कि कैसे छोटी-छोटी बातचीत और अनौपचारिक सलाह से आप अपनी टीम में आत्मविश्वास और स्पष्टता बढ़ा सकते हैं। इस लेख में हम आपको कोचिंग के सरल तरीकों और प्रमोशन के अवसरों के बारे में बताएंगे।
 

पॉपकॉर्न कोचिंग: एक नई दृष्टिकोण

Popcorn Coaching नई दिल्ली, दैनिक दिनचर्या के टिप्स | हमारी ज़िंदगी हर दिन नई चुनौतियों का सामना करने का अवसर प्रदान करती है, और इस दौरान हम कुछ नया सीखते हैं। जो लोग अपने रोज़मर्रा के अनुभवों से सीखते हैं, वे लीडर कहलाते हैं।


आज हम आपके लिए कुछ उपयोगी सुझाव लेकर आए हैं, जिनकी मदद से आप भी अपनी ज़िंदगी में लीडर बन सकते हैं। कई लीडर्स मानते हैं कि कार्यस्थल पर कोचिंग एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है।


छोटी-छोटी बातचीत में भी हो सकती है कोचिंग

हालांकि, यह सच नहीं है। वास्तव में, कोचिंग रोज़मर्रा की छोटी-छोटी बातचीत में भी हो सकती है। यह कोई कठिन और निर्धारित प्रक्रिया नहीं है।


जब लीडर अनौपचारिक रूप से बात करते हैं, जैसे मीटिंग के बाद कुछ मिनटों की सलाह देना, यात्रा के दौरान मार्गदर्शन करना या ऑनलाइन संदेश भेजना, तो ये सभी कोचिंग के रूप हैं। ऐसे सरल संवाद टीम के सदस्यों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, उनके कार्यों में स्पष्टता लाते हैं और उनकी क्षमता को और विकसित करते हैं।


पॉपकॉर्न कोचिंग की परिभाषा

कुछ सबसे प्रभावी कोचिंग क्षण वे होते हैं जो बिना किसी पूर्व तैयारी के अचानक उत्पन्न होते हैं। यह केवल सलाह देने का मामला नहीं है, बल्कि ऐसे प्रश्न पूछने का है जो सामने वाले को सोचने और जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इसे 'पॉपकॉर्न कोचिंग' कहा जाता है। ये अवसर मीटिंग के बाद या व्हाट्सएप चैट में होते हैं और कुछ ही मिनटों में समाप्त हो जाते हैं। लीडर का कार्य इन क्षणों को पहचानना, प्रश्न पूछना और लोगों को सोचने में मदद करना है।


प्रमोशन के अवसर

लीडर केवल सलाह देकर नहीं, बल्कि लोगों को सही अवसरों और विशेषज्ञों से जोड़कर भी कोचिंग करते हैं। ऐसे लीडर अपनी टीम को उन व्यक्तियों से मिलवाते हैं जो किसी कौशल को बेहतर तरीके से सिखा सकते हैं।


उदाहरण के लिए, जब एक सीनियर लीडर अपनी टीम के एक प्रतिभाशाली सदस्य को कंपनी के प्रभावशाली मेंटर से मिलवाते हैं, तो मेंटर उनकी क्षमताओं को पहचानते हैं और उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होने का अवसर प्रदान करते हैं। इससे उन्हें कुछ ही वर्षों में प्रमोशन मिल सकता है।


गेम्बा कोचिंग का महत्व

गेम्बा कोचिंग के संदर्भ में, पहले हमें 'गेम्बा' का अर्थ समझना चाहिए। गेम्बा का मतलब है वह वास्तविक स्थान जहाँ काम होता है। गेम्बा कोचिंग का उद्देश्य लोगों की सोच को समझना और उन्हें उनके वास्तविक कार्य के दौरान बेहतर निर्णय लेने में सहायता करना है।


गेम्बा कोचिंग के तहत लीडर यह पूछते हैं कि आपने यह कदम क्यों उठाया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि आप अपने निर्णयों के छोटे-छोटे पहलुओं के प्रति सतर्क रहें।