क्यों कपल्स अब अलग बिस्तरों पर सोने लगे हैं?
अलग बिस्तरों पर सोने का नया चलन
आजकल मेट्रो शहरों में कई जोड़ों के बीच एक नया ट्रेंड उभर रहा है, जिसमें वे अलग-अलग बिस्तरों या कमरों में सोने का विकल्प चुन रहे हैं। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनका रिश्ता कमजोर हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति कपल्स के सुखद वैवाहिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनती जा रही है।
रिश्तों की गुणवत्ता और नींद का संबंध
नींद की कमी न केवल थकान का कारण बनती है, बल्कि यह रिश्तों में तनाव भी उत्पन्न कर सकती है। खर्राटे लेना, बार-बार करवटें बदलना या फोन पर स्क्रॉल करना, ये सभी चीजें पार्टनर की नींद में बाधा डाल सकती हैं। यदि यह समस्या लगातार बनी रहे, तो यह चिड़चिड़ापन और झगड़ों का कारण बन सकती है।
कई कपल्स ने यह तय किया है कि वे एक ही छत के नीचे रहेंगे, लेकिन अलग-अलग बिस्तरों पर सोएंगे ताकि दोनों को बेहतर नींद मिल सके।
'स्लीप डिवोर्स' का मजेदार चलन
पश्चिमी देशों में इस प्रवृत्ति को मजाक में 'स्लीप डिवोर्स' कहा जाता है। इसका अर्थ है कि पति-पत्नी केवल सोने के लिए अलग होते हैं, जबकि उनका रिश्ता मजबूत बना रहता है। अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों में इस पर कई अध्ययन किए गए हैं। परिणामस्वरूप, जिन जोड़ों ने अलग-अलग सोना शुरू किया, उनमें झगड़े कम हुए और रिश्ते में ताजगी बढ़ी।
भारत में बदलती सोच
भारत जैसे समाज में, जहां पति-पत्नी का एक ही बिस्तर पर सोना सामान्य माना जाता है, अब जोड़े धीरे-धीरे इस प्रवृत्ति को अपनाने लगे हैं। खासकर महानगरों में, जहां लोग लंबे काम के घंटे, तनाव और व्यस्त दिनचर्या का सामना कर रहे हैं, लोग नींद के महत्व को समझने लगे हैं।
अलग सोने के फायदे
बेहतर नींद: अलग-अलग सोने से दोनों को बिना किसी व्यवधान के अच्छी नींद मिलती है।
झगड़ों में कमी: नींद में व्यवधान न होने से झगड़ों में कमी आती है।
व्यक्तिगत स्थान: हर व्यक्ति को अपना निजी स्थान मिलता है, जो रिश्ते में ताजगी लाता है।
स्वास्थ्य लाभ: अच्छी नींद से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और मानसिक तनाव कम होता है।
सावधानियाँ
यदि आपको अलग सोना पड़ता है, तो दिनभर बातचीत करना और एक साथ समय बिताना आवश्यक है, अन्यथा भावनात्मक दूरी बढ़ सकती है।
बच्चों और परिवारों को इस बदलाव के बारे में समझाना जरूरी है, क्योंकि समाज में इसे अक्सर नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता है।
रिश्ते में प्यार और साथ का एहसास केवल सोने से नहीं, बल्कि रोजमर्रा के व्यवहार से भी तय होता है।
खुशहाल शादीशुदा जीवन का राज़
अंततः, एक सुखी शादीशुदा जीवन का राज़ यही है कि दोनों पार्टनर अपनी आवश्यकताओं और आराम का सम्मान करें। यदि अलग-अलग सोने से दोनों को सुकून मिलता है, तो इसमें किसी प्रकार की शर्म या झिझक की आवश्यकता नहीं है। कुछ रिश्तों में एक साथ सोना रोमांस का प्रतीक हो सकता है, जबकि अन्य में अलग सोना प्यार और समझदारी का उदाहरण बन जाता है।