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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में गायब हुई फाइलों की जांच शुरू

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के कार्यालय से 2014 में गायब हुई रियल एंकर डवलपर्स की फाइलों के मामले में अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जीडीए ने अपने तीन कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। यह फाइलें दो प्रोजेक्ट से संबंधित थीं, जो संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

गायब हुई फाइलों का मामला

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के कार्यालय से वर्ष 2014 में दो प्रोजेक्ट से संबंधित रियल एंकर डवलपर्स की फाइलें mysteriously गायब हो गई थीं। इस घटना के बाद, जीडीए ने पिछले वर्ष अपने तीन कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया था। अब, सात महीने बाद, पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की है और जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी है।


फाइलों का गायब होना

सूत्रों के अनुसार, जीडीए द्वारा गायब फाइलों के मामले में तीन कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, कनावनी और प्रह्लादगढ़ी नामक दो प्रोजेक्ट के नक्शे वर्ष 2012 में स्वीकृत हुए थे। इनसे संबंधित रियल एंकर डेवलपर्स की फाइलें 2014 में संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। इसके बाद फाइलों की खोजबीन की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।


कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई

फाइलों की खोज के कई प्रयासों के बावजूद जब कोई जानकारी नहीं मिली, तो जीडीए के अधिकारियों ने पिछले साल पुलिस से शिकायत की थी। अब सिहानी गेट थाना पुलिस ने जीडीए के तीन बाबूओं, कृष्णकांत, नवीन चंद्र और वेद त्यागी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। शिकायत के सात महीने बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है।