गुरुग्राम में स्वच्छता पर संजीव कपूर की तीखी टिप्पणी
गुरुग्राम की स्वच्छता पर सवाल
गुरुग्राम में स्वच्छता और नागरिक सुविधाओं की स्थिति पर एक बार फिर से सवाल उठाए गए हैं। इस बार यह चिंता विमानन क्षेत्र के जाने-माने व्यक्ति और पूर्व जेट एयरवेज के सीईओ संजीव कपूर ने व्यक्त की है। शनिवार को उन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर 44 में फैली गंदगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं और संबंधित अधिकारियों की आलोचना की।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं
संजीव कपूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सड़क के किनारे कचरे के ढेर और वहां बैठी गायों की तस्वीरें पोस्ट कीं। तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि सेक्टर 44 की सड़कों पर काफी मात्रा में कचरा फैला हुआ है और कई गायें उसी गंदगी के बीच बैठी हैं। उन्होंने गूगल मैप्स का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिससे यह साबित होता है कि ये तस्वीरें गुरुग्राम की हैं। कपूर ने लिखा, "महीनों बाद, स्थिति पहले से भी खराब हो गई है। यह शर्म की बात है @MunCorpGurugram @DC_Gurugram @cmohry, न तो इस धरती का सम्मान है, न टैक्स देने वाले नागरिकों का और न ही गायों का, और आप हरियाणा में डिज्नीलैंड बनाना चाहते हैं? यह हास्यास्पद है!"
प्रधानमंत्री से की गुहार
कपूर ने अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया और #SwachhBharat हैशटैग के साथ लिखा, "@narendramodi जी, कृपया कुछ कीजिए!" यह टिप्पणी न केवल गुरुग्राम के नगर निगम पर, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाती है। संजीव कपूर की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई है और कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
एयर इंडिया पर भी दी थी प्रतिक्रिया
सिर्फ नागरिक व्यवस्था ही नहीं, कपूर हाल ही में विमानन क्षेत्र में भी चर्चा में रहे हैं। जून में अहमदाबाद में हुए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर हादसे के बाद जब एयर इंडिया पर सवाल उठे, तो उन्होंने उसका बचाव किया था। उन्होंने कहा था, "हर साल हजारों लोग सड़क और रेल हादसों में मारे जाते हैं, लेकिन तब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। एयर इंडिया की सुरक्षा का रिकॉर्ड वर्षों से शानदार रहा है। एक हादसे पर पूरा नजरिया बदल देना उचित नहीं है।"
उड़ानें सबसे सुरक्षित यात्रा का साधन
कपूर ने कहा कि एयर इंडिया की जिस फ्लाइट का हादसा हुआ, वह अब तक बिना किसी क्रैश या मौत के 50 लाख से अधिक उड़ानें भर चुकी थी। उन्होंने लिखा, "फ्लाइट्स के लौटने या तकनीकी खामियां हर दिन कई उड़ानों में सामने आती हैं। इसके बावजूद, उड़ानें आज भी यात्रा का सबसे सुरक्षित साधन मानी जाती हैं।"