घर का बना खाना: स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प
भारत में बदलती खाने की आदतें
भारत में लोगों की खाने की आदतें तेजी से बदल रही हैं। अब लोग ताजा, साफ और घर पर बने भोजन को प्राथमिकता देने लगे हैं। Zerodha के सह-संस्थापक नितिन कामथ का मानना है कि असली लक्जरी स्वस्थ और घर का बना खाना है। उन्होंने कहा कि अब वह बाहर का खाना नहीं खा पाते क्योंकि उन्हें घर का ऑर्गेनिक और पौष्टिक भोजन पसंद है।
रेस्तरां के भोजन के नुकसान
श्री बालाजी मेडिकल सेंटर चेन्नई की रजिस्टर्ड डायटीशियन दीपालक्ष्मी बताती हैं कि रेस्तरां या टेकअवे भोजन का नियमित सेवन स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इनमें कैलोरी अधिक, सोडियम ज्यादा और अनहेल्दी फैट्स होते हैं। ऐसे भोजन में पोषण की कमी होती है, जिससे मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और पाचन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, रेस्तरां में सर्विंग अक्सर बड़ी होती है, जिससे लोग अधिक खा लेते हैं और सही पोर्शन कंट्रोल नहीं कर पाते।
घर का बना खाना क्यों है बेहतर?
घर का बना खाना क्यों है बेहतर?
घर का बना भोजन कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसमें सामग्री की गुणवत्ता, पकाने की विधि और पोर्शन साइज पर नियंत्रण संभव होता है। घर में बने खाने में फाइबर, विटामिन, मिनरल्स और हेल्दी फैट्स का संतुलित सेवन होता है। ताजा और पूरे पदार्थों का उपयोग, साथ ही स्ट्रीमिंग, बेकिंग, ग्रिलिंग या कम तेल में सॉते करना भोजन के पोषण को बनाए रखता है। यह माइंडफुल ईटिंग को भी बढ़ावा देता है और लोग अपने खानपान के प्रति ज्यादा जागरूक होते हैं।
घर का खाना हमेशा स्वस्थ नहीं
घर का खाना भी हमेशा हल्दी नहीं
हालांकि, यह सच है कि घर का खाना हमेशा स्वस्थ नहीं होता। यदि भोजन में अधिक तेल, नमक या शक्कर का उपयोग किया गया है, तो यह भी हानिकारक हो सकता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, हाई-फैट और हाई-शुगर फूड्स कैलोरी में अधिक और पोषक तत्वों में कम होते हैं। सीनियर न्यूट्रिशनिस्ट इप्सिता चक्रवर्ती बताती हैं कि डीप फ्राई करना, अधिक नमक और शुगर का उपयोग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
स्वस्थ दिनचर्या के लिए सुझाव
कैसी होनी चाहिए दिनचर्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, 30 दिनों तक घर का खाना खाना, 10 हजार कदम चलना और मिठाई से परहेज करना, इन आदतों को बदलकर शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। ऐसे छोटे-छोटे बदलाव लंबे समय में आपके वजन, मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।