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घरेलू नुस्खे: दादी-नानी के सौंदर्य रहस्य

इस लेख में हम दादी-नानी के पुराने सौंदर्य नुस्खों पर चर्चा करेंगे, जो आज भी प्रासंगिक हैं। जानें कैसे घरेलू चीजों का उपयोग करके काजल, बालों का तेल और अन्य प्राकृतिक उत्पाद बनाए जा सकते हैं। ये नुस्खे न केवल सस्ते हैं, बल्कि केमिकल-मुक्त भी हैं। आइए, इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाकर अपनी सुंदरता को निखारें।
 

दादी-नानी के सौंदर्य नुस्खे

पुराने समय में: हमारी दादी-नानी शायद ही कभी बाजार से खरीदे गए सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करती थीं। वे ज्यादातर घरेलू चीजों पर निर्भर रहती थीं। उदाहरण के लिए, काजल। आजकल हम महंगे ब्रांडेड आईलाइनर या ऑर्गेनिक काजल खरीदते हैं, जबकि वे इसे घर पर आसानी से बना लेती थीं।


बालों की सफाई के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का सहारा लेती थीं। नियमित रूप से तेल लगाना और मिट्टी से बाल धोना उनके लिए सामान्य था। चेहरे की देखभाल के लिए वे रसोई में उपलब्ध उत्पादों का उपयोग करती थीं। जैसे, दूध, टमाटर और नींबू का उपयोग कर त्वचा को निखारना। त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए दूध की क्रीम का इस्तेमाल किया जाता था। उस समय के अधिकांश सौंदर्य उत्पाद केमिकल-मुक्त होते थे।



काजल बनाने की विधि भी सरल थी। दीए में घी और कपड़े की बत्ती जलाकर, उसके ऊपर पीतल का बर्तन रखकर रात भर छोड़ दिया जाता था। इस काजल को घी के साथ मिलाकर महिलाएं आंखों में लगाती थीं। इससे उनकी सुंदरता बढ़ती थी और यह मान्यता थी कि इससे आंखों की रोशनी भी बेहतर होती है।


बालों की सुंदरता के लिए भी पुराने समय में नारियल तेल, सरसों का तेल और आंवले का तेल का उपयोग किया जाता था। हफ्ते में कम से कम तीन बार नारियल के तेल में मेथी के दाने या एलोवेरा मिलाकर सिर की मालिश की जाती थी। बालों को रीठा, शिकाकाई या मुल्तानी मिट्टी से धोया जाता था। गुड़हल के फूल का पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से बाल तेजी से बढ़ते थे।