चुंबन का विकास: निएंडरथल से मानवता तक का सफर
चुंबन का महत्व और इतिहास
नई दिल्ली: किस करना मानव भावनाओं और प्रेम को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है। यह आज एक सामान्य व्यवहार माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह हमेशा से ऐसा नहीं था। हाल ही में एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि मनुष्यों ने लगभग 50,000 साल पहले अपने करीबी रिश्तेदार निएंडरथल से चुंबन लेना सीखा।
प्राचीन सबूतों की खोज
एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण खोजे हैं जो दर्शाते हैं कि प्राचीन मानव निएंडरथल के संपर्क में आने के बाद किस करना सीखने लगे। जब निएंडरथल ने होमो सेपियंस के साथ संबंध बनाए, तो इंसानों ने उनके इस व्यवहार की नकल की, और यह धीरे-धीरे मानव समाज में फैल गया।
निएंडरथल से मिली विरासत
निएंडरथल लगभग 4 लाख से 40 हजार वर्ष पहले यूरोप और पश्चिमी एशिया में निवास करते थे। कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है कि आधुनिक मानवों में आज भी निएंडरथल का कुछ प्रतिशत डीएनए मौजूद है। लेकिन यह पहली बार है जब शोधकर्ताओं ने संकेत दिए हैं कि लार के माध्यम से सूक्ष्मजीवों का आदान-प्रदान, यानी किसिंग व्यवहार, दोनों प्रजातियों के बीच हुआ था।
चुंबन: एक विकासवादी पहेली
वैज्ञानिकों के अनुसार, चुंबन एक ऐसा व्यवहार है जो केवल 46% मानव संस्कृतियों में पाया जाता है। यह न तो प्रजनन के लिए आवश्यक है और न ही स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने का खतरा होता है। यही कारण है कि वैज्ञानिक इसे विकासवादी पहेली मानते हैं। फिर भी, यह व्यवहार कई समाजों में प्रचलित है।
वानरों में प्राचीन व्यवहार
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चिम्पांजी, बोनोबो और ओरंगुटान जैसे आधुनिक प्राइमेट्स के व्यवहार का अध्ययन किया। बेयसियन मॉडलिंग तकनीक से किए गए विश्लेषण में यह पाया गया कि चुंबन जैसा व्यवहार 16.9 से 21.5 मिलियन वर्ष पहले महान वानरों के पूर्वजों में विकसित हो चुका था। यही कारण है कि इंसान समेत बड़े वानरों में यह प्रवृत्ति आज भी देखी जाती है।
चुंबन की उत्पत्ति
वारविक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एड्रियानो लामीरा के अनुसार, चुंबन की शुरुआत बालों से जूं निकालने की प्रक्रिया से हुई। उस समय होठों का पास आना और हल्का चूसने जैसी क्रिया धीरे-धीरे स्नेह व्यक्त करने के तरीके में बदल गई। यह प्रक्रिया निएंडरथल और होमो सेपियंस के बीच भी हुई होगी, जिसे बाद में इंसानों ने अपने व्यवहार में शामिल कर लिया।