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जींद का रोहतक रोड: खतरनाक स्थिति में तब्दील

जींद का रोहतक रोड अब एक खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है, जहां गड्ढों और धूल ने स्थानीय निवासियों का जीवन कठिन बना दिया है। सड़क की जर्जरता के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे लोग शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। प्रशासन से मांग की गई है कि सड़क का निर्माण जल्द शुरू किया जाए और तब तक धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव किया जाए। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके प्रभावों के बारे में।
 

रोहतक रोड की जर्जरता


  • हादसों और धूल से परेशान लोग
  • निर्माण कार्य शुरू होने तक पानी का छिड़काव जरूरी: राजकुमार


जींद। शहर का प्रमुख रोहतक रोड अपनी खराब स्थिति के कारण लोगों के लिए खतरा बन गया है। गड्ढों की भरमार के कारण यह सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। इसके साथ ही, सड़क से उड़ने वाली धूल ने स्थानीय निवासियों को परेशान कर रखा है। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि जब तक सड़क का निर्माण नहीं होता, तब तक यहां प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जाए।


अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. राजकुमार गोयल ने कहा कि रोहतक रोड अब एक खतरनाक जाल में बदल चुका है। यह मार्ग, जो पहले आवागमन का मुख्य रास्ता था, अब पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है। सड़क पर गहरे गड्ढे और उड़ती धूल ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।


दो किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से नष्ट


न तो पैदल यात्री सुरक्षित हैं, न ही दोपहिया और चारपहिया वाहन। गोयल ने बताया कि देवीलाल चौक से लेकर रोहतक रोड बाईपास तक लगभग दो किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से नष्ट हो चुका है। यहां हर दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। कभी बाइक सवार गिर जाते हैं, तो कभी ऑटो पलट जाती हैं। लोग सड़क के टूटने से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। इसके बावजूद, सरकार और प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। गोयल ने कहा कि सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि यह समझना मुश्किल है कि गड्ढे कहां हैं और सड़क कहां है। लोग यहां न तो पैदल चल पा रहे हैं और न ही वाहन से यात्रा कर पा रहे हैं।


रोड की जर्जर स्थिति और उड़ती धूल ने लोगों की सेहत को भी प्रभावित किया है। गोयल ने बताया कि धूल के कारण सांस की बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है, और इसका असर घरों के किचन तक पहुंच गया है। व्यापारियों का कहना है कि सड़क की खराब स्थिति और धूल के कारण ग्राहक आना बंद कर चुके हैं, जिससे उनका व्यवसाय ठप हो गया है।


रेत के गुब्बार


समाजसेवी राजकुमार गोयल ने प्रशासन से मांग की है कि इस दो किलोमीटर लंबे सड़क को तुरंत नए सिरे से बनाया जाए। जब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होता, तब तक अस्थायी रूप से पूरे रोड की मरम्मत की जाए। सड़क की खंडहर स्थिति के कारण यहां हर रोज रेत के गुब्बार उड़ रहे हैं। लोग सांस की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। ऐसे में, जब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होता, तब तक इस सड़क पर धूल और मिट्टी को रोकने के लिए प्रतिदिन पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए।