जैन डाइट: एक बार भोजन और स्वास्थ्य के अद्भुत लाभ
स्वास्थ्य देखभाल: जैन डाइट का परिचय
Health Care: आजकल लोग विभिन्न प्रकार की डाइट का पालन करते हैं, जैसे कीटो और वेगन डाइट। लेकिन क्या आपने जैन डाइट के बारे में सुना है? यदि नहीं, तो आज हम इसके बारे में जानेंगे। जबकि अधिकांश डाइट में सलाद, दही और दूध जैसे पोषक तत्व शामिल होते हैं, जैन डाइट इनसे काफी भिन्न है और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
यह डाइट सभी उम्र के लोगों, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, के लिए उपयुक्त है और यह उन्हें फिट रखने में मदद करती है। आइए जानते हैं विनम्र सागर से कि जैन डाइट क्या है और इसे कैसे अपनाया जा सकता है।
जैन डाइट की विशेषताएँ
जैन डाइट क्या है?
विनम्र सागर के अनुसार, जैन डाइट में 'आयंबिल' का अर्थ है दिन में केवल एक बार सादा और उबला हुआ भोजन करना। इस डाइट में दूध, दही, घी, तेल, चीनी और अन्य फैंसी खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाता है। इसमें केवल साधारण और सरल भोजन का सेवन किया जाता है।
विनम्र सागर का मानना है कि यह डाइट थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ अत्यधिक हैं। यह डाइट जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा अपनाई जाती है। आइए जानते हैं कि इस डाइट के पालन से स्वास्थ्य को क्या-क्या लाभ मिलते हैं।
जैन डाइट के लाभ
जैन डाइट के फायदे
- घी का सेवन बंद करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे दिल की धमनियां स्वस्थ रहती हैं।
- तेल का उपयोग न करने से पाचन तंत्र हल्का और सक्रिय बना रहता है।
- जैन डाइट में नमक का उपयोग नहीं होता, जिससे सोडियम का स्तर नियंत्रित रहता है और किडनी की समस्याओं से बचा जा सकता है।
- चीनी का त्याग करने से रक्त में ग्लूकोज का स्तर स्थिर रहता है, जिससे ऊर्जा में वृद्धि होती है।
- डेयरी उत्पादों से परहेज करने से पेट की सूजन और त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।