ट्रेन यात्रा में नशे के नियम: जानें क्या हैं सजा के प्रावधान
भारतीय रेलवे के नियम और सजा
भारत में लाखों लोग प्रतिदिन ट्रेन से यात्रा करते हैं, जिसके लिए भारतीय रेलवे हजारों ट्रेनें चलाती है। रेलवे ने यात्रा के दौरान कुछ नियम बनाए हैं, जिनका पालन सभी यात्रियों को करना आवश्यक है। इनमें से एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि यदि कोई यात्री शराब पीकर यात्रा करता है, तो उसके लिए क्या नियम हैं। रेलवे के नियम इस मामले में काफी सख्त हैं।
यदि कोई यात्री ट्रेन में नशे की हालत में पाया जाता है और वह अभद्रता करता है, तो उसके खिलाफ रेलवे एक्ट 1989 की धारा 145 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में यात्री का टिकट जब्त किया जा सकता है, साथ ही उस पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, उसे 6 महीने की जेल की सजा भी हो सकती है।
ट्रेन में यात्रा करते समय हर कोच में 'धूम्रपान वर्जित है' का संकेत देखा जा सकता है। रेलवे की जिम्मेदारी है कि किसी एक यात्री के कारण अन्य यात्रियों को असुविधा न हो। इसी कारण से रेलवे ने यात्रा के लिए कई नियम बनाए हैं।
सिगरेट पीने पर भी सजा का प्रावधान है। भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 167 के अनुसार, यदि कोई यात्री ट्रेन में सिगरेट पीता है, तो उस पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, यदि ट्रेन में ड्यूटी पर कोई कर्मचारी नशे में है, तो उस पर 500 रुपये का जुर्माना और 1 साल की सजा हो सकती है।