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डेटिंग में बदलाव: स्थायी रिश्तों की ओर बढ़ते भारतीय युवा

डेटिंग की दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहा है, खासकर शहरी सिंगल्स के लिए। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय युवा अब गंभीर और स्थायी रिश्तों की ओर बढ़ रहे हैं। सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि पहली डेट पर बिल चुकाने के तरीके में बदलाव आ रहा है, और लोग अब कैजुअल डेटिंग से थक चुके हैं। जानें इस रिपोर्ट में और क्या महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं।
 

डेटिंग के नए आयाम

डेटिंग की दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहा है, खासकर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले सिंगल्स के लिए। अब रिश्तों का अर्थ केवल कैजुअल फ्लिंग्स से कहीं अधिक हो गया है। डेटिंग प्लेटफॉर्म आइल नेटवर्क की हालिया रिपोर्ट, 'द कमिटमेंट डिकेड', इस बदलाव को उजागर करती है, जिसमें बताया गया है कि 2025 तक भारतीय युवा गंभीर और स्थायी रिश्तों की ओर बढ़ रहे हैं।


सर्वेक्षण का विश्लेषण

इस रिपोर्ट में बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों के 3,400 से अधिक सिंगल्स का गहन विश्लेषण किया गया है। यह केवल कैजुअल डेटिंग से ऊब चुके लोगों की कहानी नहीं है, बल्कि यह नए जेंडर डायनामिक्स और प्राथमिकताओं को भी दर्शाती है, जो प्यार, पार्टनरशिप और पहली डेट पर बिल चुकाने के तरीकों को प्रभावित कर रही हैं।


डेटिंग के नियमों में बदलाव

'द कमिटमेंट डिकेड' रिपोर्ट के लिए 3,400 शहरी सिंगल्स का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें ज्यादातर हेट्रोसेक्सुअल लोग शामिल थे। इनमें 74% मिलेनियल्स और 25% जेन Z थे। सर्वे का उद्देश्य यह जानना था कि 2025 में ये लोग प्यार और रोमांटिक जीवन के बारे में क्या सोचते हैं। डेटा मुख्य रूप से बेंगलुरु (19.1%), दिल्ली (16%), और मुंबई (17.4%) से लिया गया था।


बिल का भुगतान: एक नया दृष्टिकोण

सर्वे में एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है: पहली डेट पर बिल चुकाने का पारंपरिक तरीका अब बदल रहा है। 42.8% लोगों का मानना है कि बिल को बराबर बांटना चाहिए, जबकि 40.1% अभी भी मानते हैं कि बिल पुरुष को चुकाना चाहिए।


आइल के अनुसार, 53% भारतीय महिलाएं अब पहली डेट पर बिल बांटने को प्राथमिकता देती हैं। वे इसे अपनी स्वतंत्रता और समानता का प्रतीक मानती हैं। वहीं, 42% पुरुष अब भी मानते हैं कि उन्हें बिल चुकाना चाहिए, जो कि आदत, दिलचस्पी दिखाने या दरियादिली के कारण होता है।


कैजुअल डेटिंग का अंत?

डेटिंग ऐप के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि लोग अब हल्के-फुल्के रिश्तों से थक चुके हैं। लगभग 90% शहरी भारतीय अब गहरे और स्थायी रिश्तों को प्राथमिकता देते हैं। सर्वे में शामिल आधे लोगों ने गंभीर रिश्ते की इच्छा व्यक्त की है, और 3 में से 1 मिलेनियल ने कहा कि वे एक साल के भीतर शादी के लिए तैयार हैं।


समझदारी का महत्व

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अब लोगों के लिए भावनात्मक समझदारी और मानसिक स्वास्थ्य, बाहरी सुंदरता या धन से अधिक महत्वपूर्ण है। सिंगल्स अब एक-दूसरे को समझने, बेहतर संवाद और विचारों के मेल को प्राथमिकता देते हैं।