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दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभावना: जानें मौसम का हाल

दिल्ली-एनसीआर में हाल के दिनों की गर्मी के बाद अब राहत की उम्मीद है। IMD की रिपोर्ट के अनुसार, 14 से 20 जून के बीच हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। जानें इस दौरान तापमान और मौसम की स्थिति के बारे में। मानसून की प्रगति भी तेजी से हो रही है, जिससे देश के अन्य हिस्सों में भी बारिश की संभावना बढ़ रही है।
 

दिल्ली-एनसीआर में राहत की उम्मीद

दिल्ली और उत्तर भारत के कई हिस्से हाल के दिनों में अत्यधिक गर्मी और हीटवेव का सामना कर रहे थे, लेकिन अब राहत की उम्मीद जगी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट हटा दिया गया है। 14 से 20 जून के बीच हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी।


14 से 20 जून तक मौसम का पूर्वानुमान

14 जून को अधिकतम तापमान 40°C और न्यूनतम 29°C रहने की उम्मीद है। हल्की बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना है। 15 जून को अधिकतम तापमान 39°C और न्यूनतम 28°C रहने की संभावना है, जबकि आर्द्रता 70-45% के बीच रहेगी और आंधी-तूफान की आशंका है।


16 और 17 जून को बादल छाए रहेंगे और मध्यम बारिश संभव है। 18 और 19 जून को गरज के साथ बारिश या थंडरशॉवर की संभावना है, जिसमें न्यूनतम तापमान 26°C तक गिर सकता है। 20 जून को अधिकतम तापमान 38°C और न्यूनतम 26°C रहने की संभावना है, और बारिश या छींटे पड़ने की स्थिति बनी रहेगी।


मानसून की प्रगति

मानसून 24 मई को केरल में पहुंच चुका है, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी था। यह 29 मई तक मुंबई, मध्य महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया।


10-11 जून तक इसकी गति धीमी रही, लेकिन अब यह फिर से सक्रिय हो गया है। 18 जून तक मानसून मध्य और पूर्वी भारत के शेष हिस्सों में पहुंच सकता है।


दिल्ली में मानसून के 22-23 जून तक पहुंचने की संभावना है, जबकि सामान्यतः यह 30 जून को आता है। मानसून 25 जून तक उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में फैल सकता है।


तापमान की स्थिति

अगले 24 घंटों में उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। अगले 5 दिनों में तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है। अन्य हिस्सों में तापमान सामान्य बना रहेगा।


IMD की भविष्यवाणी

IMD के अनुसार, मानसून की शुरुआत की तारीख जरूरी नहीं कि कुल मौसमी वर्षा को दर्शाए। यह कई जटिल कारकों पर निर्भर करता है, जैसे वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय प्रभाव। इसलिए, मानसून के जल्दी पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि पूरे देश में बारिश जल्दी शुरू होगी या अधिक होगी।