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दुनिया भर में नए साल का स्वागत: अनोखी परंपराएं और रीति-रिवाज

नए साल का जश्न हर देश में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। स्पेन में 12 अंगूर खाने की परंपरा, जापान में 108 घंटियों की आवाज़ और डेनमार्क में बर्तन तोड़ने की अनोखी रीति के साथ, ये परंपराएं न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों की गहराई को भी दर्शाती हैं। जानें और भी दिलचस्प परंपराओं के बारे में इस लेख में।
 

नए साल का जश्न: विभिन्न देशों की अनोखी परंपराएं

नए साल का उत्सव शुरू हो चुका है, और हर देश में इसे मनाने के अपने खास तरीके हैं। आइए जानते हैं कि विभिन्न संस्कृतियों में नए साल का स्वागत कैसे किया जाता है। हर कोने में लोग अपनी पुरानी परंपराओं के माध्यम से सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। कहीं रंगीन आतिशबाजी होती है, तो कहीं विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं। ये परंपराएं न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि हमें विभिन्न संस्कृतियों की गहराई से भी परिचित कराती हैं। इस लेख के माध्यम से हम दुनिया के विभिन्न हिस्सों में नए साल के स्वागत की अनोखी मान्यताओं का पता लगाएंगे।




स्पेन में 12 अंगूर खाने की परंपरा


स्पेन में नए साल का स्वागत एक मीठी और चुनौतीपूर्ण परंपरा के साथ होता है। जैसे ही रात के 12 बजते हैं, लोग घड़ी की हर घंटी के साथ एक अंगूर खाते हैं। कुल 12 अंगूर खाने होते हैं, जो साल के 12 महीनों का प्रतीक माने जाते हैं। यह माना जाता है कि जो व्यक्ति समय पर सभी अंगूर खा लेता है, उसका पूरा साल खुशियों से भरा रहता है।


 


जापान में मंदिर की 108 घंटियां बजाने की परंपरा


जापान में नए साल पर शांति और शुद्धता पर जोर दिया जाता है। यहां के बौद्ध मंदिरों में रात को 108 बार घंटी बजाई जाती है। जापानी परंपरा के अनुसार, यह इंसान की 108 बुरी इच्छाओं और पापों को दूर करने के लिए किया जाता है। इससे मन की शुद्धता बढ़ती है और नए साल की शुरुआत नई ऊर्जा के साथ होती है।


 


डेनमार्क में दरवाजों पर बर्तन तोड़ने की परंपरा


यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन डेनमार्क में लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों के दरवाजों पर पुराने बर्तन तोड़ते हैं। जिस व्यक्ति के घर के बाहर जितने अधिक टूटे हुए बर्तनों के टुकड़े मिलते हैं, माना जाता है कि उसके उतने ही अधिक चाहने वाले दोस्त हैं। यह सौभाग्य और लोकप्रियता का प्रतीक माना जाता है।




हर देश की अपनी संस्कृति और रिवाज हैं, लेकिन इन सबके पीछे एक ही भावना छिपी होती है, पुराने साल की कड़वाहट को भुलाकर नई उम्मीदों के साथ आने वाले कल का स्वागत करना।