नेतन्याहू का गाजा पर सैन्य नियंत्रण का बचाव, कहा- यह युद्ध समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका
गाजा पर सैन्य नियंत्रण का बचाव
तेल अवीव/नई दिल्ली - इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा सिटी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण लेने की योजना का समर्थन किया है। उन्होंने इसे 'युद्ध समाप्त करने का सबसे तेज और प्रभावी तरीका' करार दिया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने कहा कि हमास के निरंतर हथियार डालने से इनकार के कारण इजरायल के पास अपने सैन्य अभियान को जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा, "हमास के इस इनकार के चलते, इजरायल को अपने लक्ष्यों को पूरा करने और हमास को पूरी तरह से पराजित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।" उन्होंने यह भी बताया कि इजरायली सेना पहले से ही गाजा के 70-75 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण रखती है।
इस सैन्य कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर इजरायल के कुछ करीबी पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की है, जिसमें मानवीय संकट की आशंका जताई गई है। नेतन्याहू ने इस आलोचना को 'झूठा प्रचार' बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल हमास को तेजी से हराने के लिए नहीं है, बल्कि नागरिकों को न्यूनतम नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल की सेना गाजा के नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का मार्ग प्रदान करेगी, जहां उन्हें भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
नेतन्याहू ने दोहराया कि इजरायल की नीति हमेशा मानवीय संकट को रोकने की रही है, जबकि हमास की रणनीति संकट उत्पन्न करने की रही है। उन्होंने कहा कि युद्ध के आरंभ से अब तक इजरायल ने गाजा में लगभग 20 लाख टन मानवीय सहायता पहुंचाई है। उन्होंने कहा, "यदि हमारी नीति भूख से मारने की होती, तो दो साल की लड़ाई में कोई भी गाजा में जीवित नहीं बचता।" उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका के साथ मिलकर अतिरिक्त मानवीय उपायों पर चर्चा चल रही है, जिसमें राहत सामग्री के वितरण के प्रयासों को तेज करना शामिल है।
नेतन्याहू ने यह भी दावा किया कि गाजा में 'जानबूझकर केवल इजरायली बंधक' रखे जा रहे हैं, जिन्हें हमास ने कब्जे में लिया है। उन्होंने वैश्विक मीडिया पर आरोप लगाया कि वह हमास द्वारा जारी की गई झूठी तस्वीरों और आंकड़ों पर भरोसा कर रहा है। भूख से पीड़ित बच्चों की जो तस्वीरें दिखाई जा रही हैं, वे या तो गलत हैं या फर्जी हैं। नेतन्याहू ने इस तरह के दुष्प्रचार को यहूदी विरोधी हिंसा का पूर्व संकेत बताया। उन्होंने कहा, "हर यहूदी जनसंहार से पहले, बड़े पैमाने पर यहूदी समुदाय को बदनाम किया गया।"