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पंजाब में बच्चों का नया भविष्य: 'प्रोजेक्ट जीवनज्योत' से भीख मांगने की प्रथा का अंत

पंजाब में 'प्रोजेक्ट जीवनज्योत' ने बच्चों के जीवन में एक नया मोड़ लाया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की इस योजना के तहत, बच्चों को भीख मांगने से बचाने के लिए कई छापेमारी अभियान चलाए गए हैं। पहले चरण में 367 बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि दूसरे चरण में 279 बच्चों को बचाया गया। सरकार ने इस समस्या की जड़ को पहचानते हुए रोजगार और शिक्षा के माध्यम से परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। यह पहल न केवल पंजाब के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है।
 

बच्चों के लिए एक नई शुरुआत

पंजाब की सड़कों पर कभी भीख मांगते नजर आने वाले मासूम बच्चे अब शिक्षा और सपनों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। यह परिवर्तन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की दूरदर्शी सोच और पंजाब सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'प्रोजेक्ट जीवनज्योत' का परिणाम है। इस योजना की शुरुआत जुलाई 2024 में हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को भीख मांगने और शोषण की दुनिया से बाहर निकालकर शिक्षा और सम्मान से जोड़ना है।


छापेमारी अभियान की सफलता

753 छापेमारी अभियान चलाए गए


इस परियोजना के पहले चरण (जुलाई 2024–जून 2025) में राज्यभर में 753 छापेमारी अभियान आयोजित किए गए। इनमें से 367 बच्चों को भीख मांगने की स्थिति से बाहर निकाला गया, जिनमें से 350 बच्चों को उनके परिवारों के पास सुरक्षित पहुंचाया गया और 17 बच्चों को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया। लगभग 183 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया, 30 बच्चों को प्रायोजन योजना से जोड़ा गया और 8 छोटे बच्चों को आंगनवाड़ियों में भेजा गया। यह कदम केवल अस्थायी राहत नहीं, बल्कि बच्चों को स्थायी रूप से मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।


प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0 की शुरुआत

पहले चरण की सफलता के बाद, जुलाई 2025 में 'प्रोजेक्ट जीवनज्योत 2.0' की शुरुआत की गई। केवल एक महीने में 25 अगस्त 2025 तक 523 छापे मारकर 279 बच्चों को बचाया गया। इनमें से 137 बच्चों को उसी दिन उनके परिवारों के पास भेजा गया, जबकि 142 को बाल देखभाल संस्थानों में रखा गया। इस बार 15 बच्चों के डीएनए सैंपल भी लिए गए ताकि उनकी सही पहचान सुनिश्चित हो सके। यह दर्शाता है कि सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक और ठोस नीति उपाय अपना रही है।


समस्या की जड़ को पहचानना

सरकार ने इस समस्या की जड़ गरीबी, नशाखोरी और दूसरे राज्यों से बच्चों की तस्करी को भी पहचाना है। प्रभावित परिवारों को रोजगार, पोषण योजनाओं और शिक्षा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। यह केवल बचाव नहीं बल्कि 360 डिग्री मॉडल है, जिसमें बचाव, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन सभी शामिल हैं।


विशेष बचाव दल की तैनाती

भीख मांगने से रोकने के लिए विशेष बचाव दल तैनात


अब सरकार त्योहारों और आयोजनों के दौरान भीख मांगने से रोकने के लिए विशेष बचाव दल तैनात कर रही है। कपूरथला के जोड़ मेले जैसे आयोजनों पर भी निगरानी रखी जाएगी। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बच्चों का बचपन सड़कों पर नहीं, स्कूलों में होना चाहिए।


कानून की तैयारी

अब तक 311 बच्चों को पुनर्वासित कर मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है। लोग भी अब चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर जानकारी देकर योगदान दे रहे हैं। पंजाब सरकार जल्द ही बच्चों को भीख मांगने से रोकने के लिए कड़ा कानून लाने जा रही है, जो शोषण करने वालों पर कार्रवाई करेगा। यह पहल न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है।