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पंजाब शिक्षा मंत्री ने पीयू के नए नियमों पर उठाए सवाल

पंजाब शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा नए दाखिला नियमों के तहत हलफनामा अनिवार्य करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे तानाशाही करार देते हुए वाइस चांसलर से स्पष्टीकरण मांगा है। छात्रों में इस निर्णय को लेकर असंतोष और निराशा है, जिससे अकादमिक समुदाय में व्यापक चर्चा हो रही है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और छात्रों की चिंताएं।
 

पंजाब शिक्षा मंत्री का पत्र


चंडीगढ़ समाचार : पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) ने नए शैक्षणिक सत्र के लिए दाखिलों के संबंध में नए नियम लागू करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय ने राज्य में एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया है। पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पीयू द्वारा हलफनामा/अंडरटेकिंग को अनिवार्य करने के फैसले को तानाशाही और मनमाना बताया है। उन्होंने इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।


बैंस के सवाल

हरजोत सिंह बैंस, जो कि यूनिवर्सिटी के गैर-सरकारी सैनेट सदस्य भी हैं, ने पत्र में वाइस चांसलर से हलफनामे की शर्तों के निर्धारण की प्रक्रिया के बारे में सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या इस निर्णय को सैनेट या सिंडिकेट से मंजूरी मिली थी? बैंस ने कहा कि नए दाखिलों के लिए हलफनामा अनिवार्य करने से कई छात्र चिंतित हैं।


छात्रों का विरोध

छात्रों ने विरोध-प्रदर्शनों के लिए पूर्व अनुमति लेने, इसे विशेष स्थानों तक सीमित करने और 'आउटसाइडर' जैसे अस्पष्ट शब्दों पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि दाखिला रद्द करने और बिना नोटिस के कैंपस में प्रवेश पर पाबंदी लगाने जैसे निर्णय कानूनी प्रक्रिया के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं।


असंतोष और निराशा

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे ने अकादमिक समुदाय में व्यापक असंतोष और निराशा पैदा की है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यह हलफनामा छात्रों की राजनीतिक और सामाजिक सक्रियता को प्रभावित करेगा और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत बोलने की स्वतंत्रता को सीमित करेगा।